ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के प्रांगण में सोमवार को ऐसा अवसर बना, जब शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक चेतना के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर विमर्श हुआ। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में देशभर की प्रतिष्ठित हस्तियों ने शिरकत की और अपने अनुभवों व विचारों से छात्र-फैकल्टी को समृद्ध किया।
प्रख्यात विशेषज्ञों के साथ शिक्षा और समाज पर संवाद
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कार्यक्रम में कश्मीर सोसाइटी के अध्यक्ष ख्वाजा फारूक रेंज़ुशा, जल संरक्षण की मुहिम को जनआंदोलन का स्वरूप देने वाली शिप्रा पाठक, बीबीए विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. हरिशंकर सिंह, शारदा विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाइके गुप्ता और कुलपति डॉ. सिबाराम खारा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। सभी अतिथियों ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शोधार्थियों के साथ बैठकर वर्तमान शिक्षा प्रणाली, छात्रों के भविष्य और सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर संवाद किया।
ख्वाजा फारूक रेंज़ुशा ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि वे कश्मीर में उस समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सूफी उत्सवों के आयोजक रहे हैं, जब घाटी में कट्टरपंथियों के कारण सांस्कृतिक गतिविधियां लगभग बंद हो चुकी थीं। उन्होंने कहा कि 1990 और 2000 के चुनौतीपूर्ण दशकों में भी उन्होंने वैचारिक रूप से निरंतर काम किया, और आज उनकी पुस्तकें भारत की ऐतिहासिक चेतना और कश्मीर की चार हजार वर्षों पुरानी सभ्यता की पुनर्पुष्टि का माध्यम बन चुकी हैं। शिक्षा को लेकर उन्होंने सरकार की पहल की प्रशंसा की और युवाओं को अपने विरासत बोध के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया।
प्रो चांसलर वाइके गुप्ता ने भारतीय शिक्षा दर्शन पर गहन विचार व्यक्त किए
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प्रो चांसलर वाइके गुप्ता ने भारतीय शिक्षा दर्शन की गहराई से चर्चा करते हुए कहा कि जबसे मानव चेतना का विकास हुआ, भारत तभी से ज्ञान और संस्कार की भूमि रहा है। उन्होंने कहा कि हर युग की शिक्षा की अपनी दिशा और उद्देश्य होते हैं, लेकिन भारतीय शिक्षा पद्धति की मूल आत्मा ने सदैव मानवता को मार्ग दिखाया है। आज के लोकतांत्रिक भारत में शिक्षा को समयानुकूल दिशा देने के लिए हमें अपने अतीत की जड़ों को समझना होगा।
जल संरक्षण की अलख जगाने वाली शिप्रा पाठक ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे अयोध्या से रामेश्वरम तक 3,952 किलोमीटर की लंबी पदयात्रा कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेटियों के मन में सुरक्षा और आत्मविश्वास का माहौल बना है। उनका यह भी कहना था कि योगी मॉडल आज दक्षिण भारत के राज्यों में भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है, जहां लोग इसे उत्सुकता से समझना चाहते हैं।
प्रो हरिशंकर सिंह ने शारदा विश्वविद्यालय की शिक्षण और शोध गुणवत्ता की प्रशंसा की
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प्रोफेसर हरिशंकर सिंह ने शारदा विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता की सराहना करते हुए कहा कि यहां रिसर्च और नई तकनीक पर जो ज़ोर दिया जाता है, वह अन्य संस्थानों के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ही नहीं, देशभर में एक सकारात्मक परिवर्तन की लहर चल रही है, और इसका लाभ छात्रों को दीर्घकालिक रूप से मिल रहा है।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। यह आयोजन सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि विचारों, सरोकारों और राष्ट्रीय चेतना की साझा यात्रा का साक्षी बना।