बिजनौर (शिखर समाचार) स्योहारा में आयोजित कुल हिंद नातिया मुशायरा बृहस्पतिवार की रात एक यादगार साहित्यिक और धार्मिक आयोजन बन गया। शुभ मंगलम बैंकेट हाल में सजे इस मंच पर देश के कोने-कोने से पहुंचे नामचीन शोरा इकराम ने अपने नातिया कलाम से ऐसा माहौल बनाया कि श्रोता देर रात तक मुग्ध होकर बैठे रहे। कार्यक्रम का संचालन मशहूर शायर मोहम्मद असजद रहमानी ने किया, जबकि अध्यक्षता शहर इमाम मौलाना कामिल ने संभाली।
रूहानी तिलावत और नातिया कलाम का जादू: एक अभूतपूर्व शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत-ए-कुरान से हुई। उसके बाद मंच पर एक-एक कर शोरा इकराम ने नातिया कलाम पेश किए, जिनकी सुरीली आवाज़ें और अल्फ़ाज़ की रूहानियत ने सभा को भावविभोर कर दिया। पूरे हाल में सन्नाटा पसर जाता और फिर हर पंक्ति पर तालियों और वाह-वाह की गूंज उठती रही।
इस नातिया मुशायरे में स्थानीय लोगों के साथ-साथ आसपास के गांवों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मदरसों के विद्यार्थी, बुद्धिजीवी वर्ग, समाजसेवी और धर्मप्रेमी देर रात तक मंच से उठती हर आवाज़ पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि विवेक कुमार सैन भी पहुंचे और आयोजन समिति की सराहना की।
मंच पर शोरा-ए-इकराम की नातों से गूंज उठा माहौल
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मंच पर कारी सईदुररहमान, मौलाना रिज़वान, मुफ्ती राशिद, मुफ्ती अकीलुररहमान, कारी हैदर, हम्ज़ा अयाज़ बिजनौरी, कारी ज़ीशान, कारी इम्तियाज बिजनौरी, कारी शराफ़त उस्मानी, अतीकुर रहमान माहिर स्योहारवी, फैसल रशीदी लखनऊ और कारी मुजम्मिल हयात बिहार ने अपने नातिया कलाम पेश कर समां बांध दिया।
हर शायर ने अपनी प्रस्तुति में ईमान और मोहब्बत का संदेश दिया, जिससे मुशायरा आध्यात्मिक रंग में डूब गया। आयोजन समिति की ओर से सभी शायरों और मेहमानों को सम्मान स्वरूप शील्ड प्रदान की गई। कार्यक्रम के अंत में दुआ के साथ यह अलौकिक संध्या संपन्न हुई, लेकिन इसकी गूंज देर रात तक स्योहारा की फिजाओं में बनी रही।

