ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय आह्वान पर बृहस्पतिवार को गौतमबुद्धनगर जिले के चारों ब्लॉकों जेवर, दनकौर, दादरी और बिसरख में शिक्षा बचाओ, विद्यालय बचाओ अभियान के तहत एकजुटता का सशक्त प्रदर्शन देखने को मिला। शासन द्वारा छात्र संख्या से परिपूर्ण कई प्राथमिक विद्यालयों को अचानक बंद कर अन्य विद्यालयों में समायोजित किए जाने के निर्णय के खिलाफ जनआक्रोश तेजी से मुखर हो गया है।
शासन का यह निर्णय न केवल बच्चों की शिक्षा बाधित करेगा
प्राथमिक विद्यालय पारोही (ब्लॉक जेवर), नियाना उर्फ अमीनाबाद (ब्लॉक दनकौर), भोगपुर (ब्लॉक दादरी) और दुजाना (ब्लॉक बिसरख) में क्रमशः बैठकें आयोजित कर अभिभावकों, ग्राम प्रधानों, ग्रामीणों और विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों ने एकस्वर में प्रशासन की इस नीति का तीखा विरोध किया। इन सभी गांवों में लोग मानते हैं कि शासन का यह निर्णय न केवल बच्चों की शिक्षा बाधित करेगा बल्कि ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रति विश्वास को भी कमजोर करेगा।
बैठक में ग्रामीणों का कहना था कि जिन स्कूलों में बच्चे नियमित रूप से आ रहे हैं, वहां ताले लगाने जैसा कदम पूरी तरह अनुचित है। इससे ना केवल शिक्षा का नुकसान होगा बल्कि माता-पिता को बच्चों को दूर के स्कूलों में भेजने की मजबूरी भी होगी, जो कि छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। उनका कहना था कि सरकार को कागज़ों की बजाय जमीन पर आकर वास्तविकता देखनी चाहिए। जनता की नाराज़गी स्पष्ट थी, गांव-गांव से आई आवाज़ एक ही थी, बंद स्कूल वापस चाहिए, नहीं तो आंदोलन और तेज़ होगा।
मौके पर चारों ब्लॉकों के शिक्षक संघ पदाधिकारी भी भारी संख्या में मौजूद रहे
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इस मौके पर चारों ब्लॉकों के शिक्षक संघ पदाधिकारी भी भारी संख्या में मौजूद रहे। जेवर में अध्यक्ष हेमराज शर्मा, मंत्री रैदास सिंह, दनकौर में सतीश पीलवान और रामकुमार शर्मा, दादरी में रवि भाटी और वेदप्रकाश गौतम तथा बिसरख में स्मिता सिंह और मीना यादव ने ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आवाज़ बुलंद की। पर्यवेक्षकगण दीवान सिंह, बलेराम नागर, सतीश नगर और रजनी यादव भी मौके पर उपस्थित रहे।
बैठक के अंत में यह स्पष्ट किया गया कि जब तक बंद किए गए विद्यालय पुनः संचालित नहीं होते, यह जनआंदोलन थमेगा नहीं। स्कूल लौटेंगे तभी संघर्ष रुकेगा यही संकल्प लेकर ग्रामीणों ने शिक्षा की मशाल को जलाए रखने का ऐलान किया।