ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाए रखने की दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब और अधिक सख्त होता जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने और कूड़े के अनुचित निस्तारण को लेकर अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी कड़ी में प्राधिकरण ने सेक्टर अल्फा-2 स्थित शत्यम प्लाजा टू पर कचरा प्रबंधन के नियमों की अनदेखी करने पर 21000 का जुर्माना लगाया है।
बल्क वेस्ट और घरेलू स्तर पर सफाई नियमों की अनदेखी पर कार्रवाई
प्राधिकरण की स्वास्थ्य विभाग टीम ने सहायक प्रबंधक गौरव बघेल के नेतृत्व में मौके का निरीक्षण किया। जांच के दौरान पाया गया कि शत्यम प्लाजा द्वारा उत्पन्न कचरे का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया जा रहा था, जबकि यह एक बल्क वेस्ट जेनरेटर श्रेणी में आता है। नियमों के अनुसार ऐसे प्रतिष्ठानों को कूड़े का संग्रहण, वर्गीकरण और निपटान स्वयं करना होता है, परंतु प्लाजा की लापरवाही सामने आने पर भारी पेनल्टी लगाई गई।
सिर्फ व्यवसायिक संस्थान ही नहीं, प्राधिकरण की टीम ने सेक्टर के अन्य हिस्सों में भी निरीक्षण किया, जहां सड़क किनारे, ग्रीन बेल्ट और घरों के सामने कूड़ा फेंकने वालों पर भी कार्रवाई की गई। इस तरह की गंदगी फैलाने वालों पर 1000-1000 का जुर्माना लगाया गया। ये वे लोग थे जो या तो घरों से निकलने वाले कूड़े को खुले में फेंक रहे थे या फिर पार्क और सार्वजनिक स्थलों को कचरे से भर रहे थे।
शहर की स्वच्छता पर दो टूक: लापरवाही पर सख्त कार्रवाई तय
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इस संबंध में प्राधिकरण की ओएसडी गुंजा सिंह ने स्पष्ट किया कि शहर की स्वच्छता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वहीं प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने सभी निवासियों और संस्थानों से अपील की है कि वे कचरे के उचित प्रबंधन की दिशा में जिम्मेदारी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ शहरों की श्रेणी में लाने के लिए नागरिकों का सहयोग बेहद जरूरी है। यदि कहीं भी लापरवाही नजर आई तो प्राधिकरण द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना ठोका जाएगा।
प्राधिकरण द्वारा उठाया गया यह कदम साफ संकेत देता है कि अब स्वच्छता को नजरअंदाज करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। चाहे वह आवासीय क्षेत्र हो या व्यवसायिक परिसर, हर जगह साफ-सफाई अनिवार्य है, वरना जुर्माना तो तय ही है।
