नई दिल्ली (शिखर समाचार)।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से लागू किए जा रहे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) में विशेष श्रेणी के लाभार्थियों जिनमें ग्रामीण व अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं को परियोजना लागत में कम अंशदान करना पड़ता है और बदले में उन्हें अधिक सब्सिडी का लाभ मिलता है। इस योजना से नए सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हो रही है और गांवों में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं।
राष्ट्रीय एससी/एसटी हब से अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमियों को मिलेगा व्यापक सहयोग: केंद्र की नई पहल
अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र ने देशभर में राष्ट्रीय एससी/एसटी हब स्थापित किया है। इस पहल के जरिए कौशल विकास, बाज़ार उपलब्धता, वित्तीय सहयोग और निविदाओं में भागीदारी जैसी व्यावसायिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से छोटे कारोबारियों को जमानत मुक्त 20 लाख रुपये तक का कर्ज, तरुण प्लस श्रेणी में पुनः वित्तीय अवसर
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वहीं छोटे कारोबारियों और नवप्रवर्तकों के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) भी बड़ी सहूलियत लेकर आई है। इस योजना के तहत वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों द्वारा जमानत मुक्त कर्ज दिया जाता है। 20 लाख रुपये तक का ऋण चार अलग-अलग श्रेणियों शिशु, किशोर, तरुण और तरुण प्लस में उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें तरुण प्लस श्रेणी उन उद्यमियों के लिए है जिन्होंने पहले लिए गए तरुण ऋण को सफलतापूर्वक चुका दिया है। एमएसएमई राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा युवा, महिलाएं और हाशिए के वर्ग के लोग अपने दम पर उद्यम खड़ा कर सकें और रोजगार सृजन में भागीदार बनें।