मिशन शक्ति अभियान के तहत एक दिन की जिलाधिकारी बनीं रिया रानी, कहा मेरा सपना है आईएएस बनकर देश की सेवा करना

Rashtriya Shikhar
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Riya Rani Becomes District Magistrate for a Day Under Mission Shakti Campaign, Says Her Dream is to Serve the Nation as an IAS Officer IMAGE CREDIT TO INFORMATION DEPARTMENT

बिजनौर (शिखर समाचार) मिशन शक्ति अभियान फेज-5.0 के अंतर्गत बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में गुरुवार का दिन राजकीय कन्या इंटर कॉलेज बिजनौर के लिए यादगार बन गया, जब कक्षा 11 की मेधावी छात्रा रिया रानी को एक दिन का सांकेतिक जिलाधिकारी बनने का अवसर मिला। ग्राम इनामपुरा विकासखंड मोहम्मदपुर देवमल निवासी रिया रानी ने इस अवसर पर न केवल प्रशासनिक कार्यों की बारीकियों को समझा, बल्कि अपनी नेतृत्व क्षमता का भी शानदार परिचय दिया।

रिया रानी की कड़ी आवाज़: जनसुनवाई में शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण शिकायत निवारण का संकल्प

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कलेक्ट्रेट स्थित जनसुनवाई कक्ष में रिया रानी ने फरियादियों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक शिकायत का निस्तारण तय समय सीमा में और पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का लाभ तभी जन-जन तक पहुंचेगा जब अधिकारी ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ कार्य करेंगे।

इस अवसर पर जिलाधिकारी जसजीत कौर ने अपने कार्यालय में रिया रानी को बुके भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के अवसर छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ाने और प्रशासनिक समझ विकसित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उप जिलाधिकारी चांदपुर नितिन तेवतिया, आईसीडीएस अधिकारी रविता राठी, विद्यालय की प्रधानाचार्य और कई अन्य अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे।

रिया रानी की नेतृत्व में अधिकारियों की बैठक: शासन योजनाओं को धरातल पर लागू करने का आह्वान

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सांकेतिक जिलाधिकारी रिया रानी ने महात्मा विदुर सभागार में अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं को जमीन पर उतारना हर अधिकारी की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति जैसी पहलें महिलाओं और बालिकाओं के आत्मसम्मान को नई ऊंचाई देती हैं।

रिया रानी ने कहा कि वह बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं, ताकि समाज की समस्याओं को नजदीक से समझकर उनके समाधान में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि बेटियों को खुद पर विश्वास रखना चाहिए और शिक्षा को हथियार बनाकर अपने सपनों को साकार करना चाहिए।

उनका कहना था कि मिशन शक्ति अभियान ने बेटियों को यह अहसास कराया है कि वे केवल घर तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन में भी नेतृत्व की भूमिका निभाने में सक्षम हैं।

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