हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर (शिखर समाचार) पहाड़ी इलाकों में हो रही तेज बारिश और बादल फटने की घटनाओं का असर अब गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में साफ दिखाई देने लगा है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए खतरे के निशान तक पहुंच गया है, जिससे खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं। कुदैनी की मढैया, चक लठीरा, नयाबांस, बख्तावरपुर सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों के रास्तों और जंगलों में पानी भर चुका है। निचले इलाकों में बसे घरों तक पानी पहुंचने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। पशुओं के चारे की कमी का डर अब सिर पर मंडराने लगा है।
गंगानगर गांव बना जलतट टापू, प्रशासन ने नाव से पहुंचकर दी मदद का भरोसा
ब्रजघाट के पास गंगा पार जंगल में स्थित गंगानगर गांव पूरी तरह पानी से घिरकर टापू में बदल गया है। यहां पहुंचने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीमें नाव का सहारा ले रही हैं। अधिकारियों ने गांव का दौरा कर हालात का जायजा लिया और लोगों को सभी तरह की सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
मैदानी और पहाड़ी दोनों ही क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी रहने से जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। प्रशासन ने पहले ही एहतियात के तौर पर गढ़ क्षेत्र में पांच बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं और तहसील में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय व एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर चुके हैं और गढ़ तहसील प्रशासन को गंगा के जलस्तर व संभावित बाढ़ की स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन की सतर्कता जारी, गंगा खादर के गांवों में बाढ़ का खतरा बरकरार
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एसडीएम, तहसीलदार और सीओ सहित स्थानीय प्रशासनिक टीम लगातार गांव-गांव का दौरा कर रही है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। ट्रैक्टर, भैंसा बुग्गी और नाव जैसे साधनों से गांवों तक पहुंच बनाकर लोगों से संवाद किया जा रहा है।
हालांकि फिलहाल हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं, लेकिन यदि जलस्तर में और वृद्धि हुई तो गंगा खादर के इन गांवों में बाढ़ का खतरा गंभीर रूप ले सकता है। प्रशासन ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और आवश्यक होने पर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की अपील की है।
