गाजियाबाद (शिखर समाचार)। महात्मा गांधी सभागार कलेक्ट्रेट में डीएम रविन्द्र कुमार माँदड़ की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आहूत हुई। बैठक के दौरान डीएम ने विभागावार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उप निदेशक कृषि, कृषि, कृषि रक्षा, उद्यान, गन्ना, पशु पालन, भूमि संरक्षण, दूग्ध विकास, उद्योग केन्द्र, रोजगार सहायता, आईटीआई, पालिटेक्निक, खादी ग्रामोद्योग, समन्वयक उप्र कौशल, पर्यटन, समाज कल्याण, पिछडा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, प्रोबेशन, जिला कार्यक्रम, श्रमायुक्त, समाज कल्याण विकास, फैमिली आईडी, डीआरडीए, स्वतः रोजगार, पंचायत राज, युवा कल्याण प्राविद, आरईडी, लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, अतिरिक्त ऊर्जा, जल निगम ग्रामीण, सिचाई, लघु सिचाई, वन विभाग व डूडा के अधिकारियों से उनके विभाग में संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। डीएम ने शिक्षा व सोशल सैक्टर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि एक भी छात्र ऐसा नहीं होना चाहिए जो किसी भी सरकारी योजना का हकदार हो और उसे लाभ ना मिला हो या लाभ मिलने से रह जाए। छात्रवृति योजनाओं हेतु सभी विद्यालयों से आवश्यक कार्यवाही करते हुए उनको रजिस्टर करें, और कैम्प लगाकर छात्रों व बच्चों से सम्बंधित सरकारी योजनाओं का प्रसार-प्रसार करें। हर पात्र को योजनाओं का लाभ दिलाना प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारी है। उन्होने कृषि सैक्टर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को फसल जीवन बीमा, पीएम किसान निधि, फसलों व उनके बचाव की जानकारी, पशुपालन सहित अन्य के बारे में जागरूक करें और उनके विभाग में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिलाएं।
महिला सहायता समूहों के उत्पादों के लिए बाजार व्यवस्था और सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का जोर
उन्होने ग्राम्य विकास सैक्टर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह महिला सहायता समूह सहित स्वावलम्बी जनशक्तियों द्वारा बनाये गये उत्पादों को बाजार में उतारने की योजना बनायें, लोग स्वावलम्बी तो हो गये हैं अब उनका विकास कराना हमारी प्राथमिकता हैं। अत: इस विषय पर ध्यान देते हुए कि उनके द्वारा बनाये गये उत्पादों को अधिक से अधिक कैसे विक्रय कराया जा सके, उसके लिए एक प्लेटफार्म तैयार किया जाएं। डीएम ने स्वास्थ्य सैक्टर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सम्बंधित हर बुनियादी सुविधा होनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज स्वास्थ्य लाभ लेने आते हैं, ऐसे में जरूरी है कि अस्पताल में हर वे उपकरण हो जिससे मरीजों को किसी भी असुविधा का सामना ना करना पड़े।
डीएम का सख्त संदेश: योजनाओं में पारदर्शिता, अस्पतालों में सुविधा और जनशिकायतों के समयबद्ध निस्तारण पर विशेष जोर
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किसी भी परिस्थिति में मरीज को भटकना ना पड़े और उसका शोषण ना होने पाएं। उन्होने कहा कि एम्बुलेंस में नियमानुसार आवश्यक सुविधा एवं एक विशेषज्ञ होना चाहिए, जिससे दुर्घटनाग्रस्थ लोगों का समय पर बेहतर उपचार हो सके। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह 2 दिन में अपने-अपने विभागों द्वारा किये गये कार्यों की पूर्व की प्रगति व वर्तमान प्रगति की रिर्पोट प्रस्तुत करें। डीएम ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी योजना के लाभ हेतु आता है या आवेदन करता है तो उस आवेदन को निरस्त करने से पहले पूरी तरह से जांच कर लें यदि कोई कमी है तो पूरी करवायें यदि आवेदक द्वारा कमियां पूरी नहीं करवा जा रही हैं तभी आवेदन को निरस्त करें। आवेदन को निरस्त करने पर जवाबदेही सम्बंधित जिला स्तरीय अधिकारी की ही होगी। उन्होने कहा कि आईजीआरएस पर प्राप्त सभी आवेदन का समयान्तराल में निस्तारण किया जाएं साथ ही निस्तारण करने के दौरान सम्बंधित से फीड बैंक लें, असन्तुष्टी की दशा में पुन: कार्यवाही करें। उन्होने कहा कि किसी भी दशा में जनपद की रैंक खराब नहीं आने चाहिए इस बात का सभी जनपद स्तरीय अधिकारी ध्यान रखें। यह भी ध्यान रखें कि शिकायत व आवेदन आने के तुरन्त बाद ही कार्यवाही शुरू कर देना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल, एडीएम एल/ए, सीएमओ, डीडीओ, डीएसटीओ सहित सभी अधिकारीगण उपस्थित रहे।