प्राथमिक शिक्षक संघ ने अनिवार्य टेट को बताया तानाशाही निर्णय, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

Rashtriya Shikhar
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Primary Teachers' Association Calls Mandatory TET a Dictatorial Decision IMAGE CREDIT TO Teachers Union

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ गौतमबुद्धनगर ने सूरजपुर जिला मुख्यालय पर विशाल धरना देकर अनिवार्य टेट की बाध्यता को तत्काल समाप्त करने की मांग उठाई। इस मौके पर हजारों की संख्या में जुटे शिक्षकों ने सरकार की नीतियों को अव्यावहारिक करार देते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

शिक्षक विरोधी टेट लागू करने पर मंडल अध्यक्ष का तीखा विरोध

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धरना सभा की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष मेघराज भाटी ने की और संचालन जिला मंत्री गजन भाटी ने किया। सभा को संबोधित करते हुए मंडल अध्यक्ष ने कहा कि 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों और पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों पर टेट थोपना सीधे-सीधे शिक्षक विरोधी कदम है। उन्होंने न्यायालय के हालिया आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह निर्णय न केवल शिक्षा व्यवस्था के साथ अन्याय है बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा करने वाला भी है।

जिला अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि 2017 में लागू किए गए प्रावधानों ने पहले ही शिक्षकों के भविष्य पर काला साया डाल दिया है। अब अनिवार्य टेट के दबाव ने हालात और गंभीर बना दिए हैं। उनका कहना था कि शिक्षक नियुक्ति के समय सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी करते हैं, इसके बावजूद दोबारा परीक्षा की शर्त लगाना तर्कहीन है और इसका शिक्षकों के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

प्रदेशव्यापी विरोध तेज, प्रधानमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से शिक्षक संघ की आवाज़ पहुंचाई गई

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जिला मंत्री गजन भाटी ने जानकारी दी कि यह विरोध केवल गौतमबुद्धनगर तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक साथ ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा नियम और संविधान की भावना के विपरीत है तथा इसे लागू करना शिक्षा तंत्र के साथ अन्याय है।

धरना स्थल पर मौजूद शिक्षकों ने एक स्वर में कहा कि जब तक सरकार शिक्षक हितों की अनदेखी करती रहेगी, विरोध की आवाज बुलंद होती रहेगी। शिक्षकों की भारी भागीदारी ने साफ कर दिया कि जनपद का हर शिक्षक संघ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और किसी भी अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने को तैयार है।

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धरना समाप्ति पर अपर जिला अधिकारी ने शिक्षकों से ज्ञापन प्राप्त किया और आश्वासन दिया कि इसे प्रधानमंत्री तक भेजा जाएगा। इस दौरान जनपद के सभी ब्लॉक, तहसील और संघर्ष समिति की पूरी कार्यकारिणी के साथ हजारों सम्मानित शिक्षक मौजूद रहे और उन्होंने सरकार की नीतियों को बदलने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

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