मोतिहारी/नई दिल्ली (शिखर समाचार)।
Prime Minister Narendra Modi ने बिहार के मोतिहारी में प्रतिष्ठित संत और अध्यात्मिक चेतना के प्रतीक स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी महाराज से सादगीपूर्ण, किंतु गहन मुलाकात की। यह भेंट किसी औपचारिक राजनीतिक दौरे का हिस्सा नहीं, बल्कि राष्ट्र के नेतृत्वकर्ता द्वारा भारतीय आध्यात्मिक धरोहर के प्रति आस्था और सम्मान का प्रकटीकरण थी।
प्रधानमंत्री मोदी और स्वामी शक्ति शरणानंद की आध्यात्मिक मुलाकात: राष्ट्रसेवा में आशीर्वाद का स्रोत
महाराज श्री से मिलने के पश्चात प्रधानमंत्री ने उन्हें न केवल श्रद्धा से नमन किया, बल्कि उनके आशीर्वाद को राष्ट्रसेवा की अपनी ऊर्जा का एक अनमोल स्रोत बताया। Prime Minister ने इस भावपूर्ण भेंट पर कहा कि मोतिहारी में स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी महाराज से आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला। उनके व्यक्तित्व में जहां तेज और ओज का वास है, वहीं वाणी में आध्यात्मिकता रची-बसी है। महाराज जी की आत्मीयता, स्नेह और मार्गदर्शन से अभिभूत हूं!
स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी पूर्वी भारत की संत परंपरा के उन स्तंभों में गिने जाते हैं जिनकी वाणी में दर्शन है और जिनकी उपस्थिति में संतुलन और शांति का अनुभव होता है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह मुलाकात केवल एक शिष्टाचार नहीं बल्कि आध्यात्मिक राष्ट्रचिंतन का एक अदृश्य संवाद भी मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की आत्मीय मुलाकात: साधु-संतों के आशीर्वाद से प्रेरित राष्ट्र सेवा
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बताया जा रहा है कि यह भेंट पूर्णतः आत्मीय और विनम्र वातावरण में संपन्न हुई, जहां स्वामी जी ने प्रधानमंत्री को सामाजिक सौहार्द, राष्ट्र कल्याण और आत्मिक शुद्धि के सूत्र बताए। श्री मोदी ने भी उनके अनुभवों और जीवनदृष्टि को गंभीरता से सुना और उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। Prime Minister की यह आध्यात्मिक यात्रा आगामी योजनाओं और उद्घाटन कार्यक्रमों से पहले एक गहरे भावनात्मक संदेश के रूप में देखी जा रही है। यह स्पष्ट संकेत है कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के लिए भी साधु-संतों का आशीर्वाद कितना महत्व रखता है।
मुलाकात के दौरान उपस्थित स्थानीय संत समाज, शिष्यगण और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री की इस पहल को भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों के प्रति उनकी आस्था का जीवंत प्रमाण बताया। मोतिहारीवासियों के लिए यह अवसर गौरवपूर्ण और प्रेरणास्पद रहा, जिसे वर्षों तक स्मरण किया जाएगा।