रियो डी जेनेरियो/नई दिल्ली (शिखर समाचार)
Prime Minister Modi ने ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में 6-7 जुलाई को आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेकर भारत की भूमिका को मजबूती से रखा और वैश्विक मंचों पर आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता पर स्पष्टता से बात रखी। अपने संबोधन में उन्होंने न केवल विकासशील देशों की चिंताओं को प्रमुखता दी बल्कि वैश्विक दक्षिण की आवाज़ बनकर उभरे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, IMF, वर्ल्ड बैंक और WTO जैसी संस्थाओं को मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के अनुरूप ढालने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ये संस्थाएं अब बीती सदी की जरूरतों के हिसाब से काम कर रही हैं, जबकि दुनिया आगे बढ़ चुकी है।
पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ भारत नहीं, पूरी मानवता पर हमला
Prime Minister Modi ने अपने भाषण में वैश्विक आतंकवाद पर तीखा रुख अपनाते हुए कहा कि अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुआ आतंकी हमला केवल भारत पर हमला नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था। उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को एकजुट होना होगा और आतंकियों को समर्थन देने, फंडिंग करने या उन्हें पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर दोहरा मापदंड नहीं चल सकता, उन्होंने जोर देते हुए कहा। प्रधानमंत्री ने इस हमले की कड़ी निंदा के लिए ब्रिक्स देशों का आभार भी व्यक्त किया।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर बहुपक्षीय सहयोग तक रखे चार ठोस सुझाव
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ब्रिक्स के बहुपक्षीय और आर्थिक-वित्तीय सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने विविधता और बहुध्रुवीयता को ब्रिक्स की ताकत बताया और चार बड़े सुझाव सामने रखे ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक को दीर्घकालिक स्थिरता के आधार पर प्रोजेक्ट्स मंजूर करने चाहिए, विज्ञान और अनुसंधान के लिए साझा भंडार बने, महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को सुरक्षित करने पर काम हो और जिम्मेदार एआई पर नीति बनाते हुए नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जब वैश्विक व्यवस्था अनिश्चितताओं से घिरी हो, तब ब्रिक्स एक स्थिर विकल्प बनकर उभर सकता है।
ब्रिक्स मंच से बोले पीएम, संयुक्त राष्ट्र से लेकर वर्ल्ड बैंक तक अब बदलाव की दरकार
शिखर सम्मेलन के समापन पर सभी सदस्य देशों ने रियो डी जेनेरियो घोषणा को स्वीकार करते हुए वैश्विक सुधार और सहयोग की दिशा में साझा प्रतिबद्धता दोहराई।