Rajya Sabha के लिए President द्वारा नामित चार विशिष्ट व्यक्तित्वों को Prime Minister ने दी शुभकामनाएं

Rashtriya Shikhar
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Prime Minister Narendra Modi ने दी शुभकामनाएं IMAGE CREDIT TO PM PHOTO

नई दिल्ली (शिखर समाचार) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को उन चार प्रतिष्ठित नागरिकों को शुभकामनाएं दीं जिन्हें भारत की राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। इनमें कानून, शिक्षा, कूटनीति और सामाजिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले उज्ज्वल निकम, सी. सदानंदन मास्टर, हर्षवर्धन श्रृंगला और डॉ. मीनाक्षी जैन शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच से इन सभी को बधाई देते हुए कहा कि इनका अनुभव और दृष्टिकोण न सिर्फ संसद को समृद्ध करेगा, बल्कि जनहित के विमर्श को भी गहराई प्रदान करेगा।

न्याय व्यवस्था में दीर्घकालिक और निष्कलंक सेवा का प्रतीक

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प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम को न्याय व्यवस्था में दीर्घकालिक और निष्कलंक सेवा का प्रतीक बताया। उन्होंने लिखा कि श्री निकम ने आतंकवाद सहित कई संवेदनशील मामलों में कानून के पक्ष में दृढ़ता से पैरवी की और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा को सर्वोपरि रखा। उन्होंने कहा कि ऐसे समर्पित व्यक्ति का राज्यसभा में आना भारतीय लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।

श्री मोदी ने सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मास्टर के मनोयन पर प्रसन्नता जताते हुए उन्हें साहस, प्रतिबद्धता और राष्ट्रसेवा की जीवंत मिसाल बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे सदानंदन मास्टर ने हिंसा और विरोध के बीच भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और युवाओं के मार्गदर्शन में अहम भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जीवन वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के सफल संचालन में

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पूर्व विदेश सचिव और अनुभवी कूटनीतिज्ञ हर्षवर्धन श्रृंगला की नियुक्ति पर प्रधानमंत्री ने गहन संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्री श्रृंगला ने भारत की विदेश नीति को नई दिशा दी और वैश्विक मंचों पर भारत की साख मजबूत की। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता के सफल संचालन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि उनके रणनीतिक अनुभव से संसद की विदेश नीति संबंधित चर्चाएं समृद्ध होंगी।

इतिहासकार और शिक्षाविद् डॉ. मीनाक्षी जैन के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने उन्हें भारतीय बौद्धिक परंपरा की वाहक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. जैन का शोध कार्य, विशेष रूप से इतिहास और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में, भारत की अकादमिक विरासत को सशक्त करने वाला है। उनके राज्यसभा में चयन को उन्होंने ज्ञान और संवेदना के मिलन का प्रतीक कहा।

यह नियुक्तियां उस विचार को भी सुदृढ़ करती हैं कि

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इन चारों विभूतियों के मनोयन को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर अकादमिक और सामाजिक क्षेत्रों तक उत्साह की लहर है। यह नियुक्तियां उस विचार को भी सुदृढ़ करती हैं कि संसद केवल राजनीतिक प्रतिनिधियों का मंच नहीं, बल्कि देश के बौद्धिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधताओं का प्रतिबिंब भी होना चाहिए।

प्रधानमंत्री के संदेशों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह नामांकन केवल व्यक्तिगत सम्मान नहीं बल्कि राष्ट्र की समेकित सोच और जनमानस से जुड़े मुद्दों पर गहरे विमर्श की दिशा में एक ठोस पहल है। इन चारों विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति से राज्यसभा में होने वाले विचार-विनिमय और विधायी प्रक्रिया को नई ऊर्जा और दृष्टि मिलने की संभावना जताई जा रही है।

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