गाज़ियाबाद में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर श्रद्धा के साथ रोपे गए सेवा और संकल्प के पौधे

राष्ट्रीय शिखर
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On the martyrdom day of Dr. Shyama Prasad Mukherjee in Ghaziabad

गाज़ियाबाद (शिखर समाचार)
आज का दिन गाज़ियाबाद के लिए राष्ट्रीय चेतना और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का अद्भुत संगम बन गया, जब भारतीय जनसंघ के संस्थापक और अपराजेय राष्ट्रभक्त डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी महानगर इकाई ने उन्हें कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क, इंडस्ट्रियल एरिया में किया

श्रद्धांजलि सभा का आयोजन डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क, इंडस्ट्रियल एरिया में किया गया, जहां सुबह से ही पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों की उपस्थिति ने राष्ट्रभक्ति की भावना को जीवंत कर दिया। कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने डॉ. मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

अपने उद्बोधन में मयंक गोयल ने कहा कि एक राष्ट्र, एक विधान, एक निशान यही था डॉ. मुखर्जी का संकल्प, जिसे उन्होंने अपने प्राणों से सींचा। आज जब हम उनके बलिदान को याद कर रहे हैं, तो हमें यह भी याद रखना चाहिए कि राष्ट्र सेवा केवल शब्दों से नहीं, संकल्प और कर्म से होती है।

कार्यक्रम को नई ऊर्जा और सामाजिक उद्देश्य से जोड़ते हुए एक पेड़ मां के नाम

कार्यक्रम को नई ऊर्जा और सामाजिक उद्देश्य से जोड़ते हुए एक पेड़ मां के नाम अभियान की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत सैकड़ों पौधे रोपित किए गए। हर पौधा सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक नहीं, बल्कि उस मां के प्रति सम्मान का संकेत था, जिनकी गोद में देशभक्त जन्म लेते हैं।

पौधारोपण में भाग लेने वालों में पूर्व महापौर आशु वर्मा, विधायक संजीव शर्मा, किसान नेता कृष्णवीर चौधरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजा वर्मा, अमर दत्त शर्मा, महेश अग्रवाल, एस.पी. सिंह, वीरेश्वर त्यागी, राजेश्वर प्रसाद, महामंत्री राजेश त्यागी, बॉबी त्यागी, धीरज शर्मा, कामेश्वर त्यागी, प्रदीप चौधरी सहित अनेक वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे।

उपस्थित जनसमूह ने भारत की एकता और अखंडता के लिए नये संकल्पों

सभी ने अपने हाथों से पौधे रोपकर डॉ. मुखर्जी के विचारों के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संकल्प लिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र सर्वोपरि की भावना गूंजती रही और उपस्थित जनसमूह ने भारत की एकता और अखंडता के लिए नये संकल्पों के साथ डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि एक राष्ट्रवादी विचारधारा न केवल देश की सीमाओं को जोड़ती है, बल्कि पीढ़ियों को चेतना, सेवा और प्रकृति से भी जोड़ती है।

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