मेरठ (शिखर समाचार) मेरठ परिक्षेत्र के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने मंगलवार को ऑपरेशन विवेचना के अंतर्गत लम्बित विवेचनाओं की छह माह की गहन समीक्षा की। इस समीक्षा में जनपद मेरठ, बुलन्दशहर, बागपत और हापुड़ के विभिन्न सर्किलों का कामकाज परखा गया। आंकड़े बताते हैं कि कुछ सर्किलों ने विवेचना निस्तारण में उल्लेखनीय प्रगति की है, जबकि कुछ सर्किल पिछड़ गए हैं, जिन पर डीआईजी ने कड़ा रुख अपनाते हुए तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए।
लंबित मामलों में कमी: बुलंदशहर और मेरठ की न्यायिक प्रक्रिया को मिली नई गति
रिपोर्ट के अनुसार बुलन्दशहर के स्याना और सिकन्द्राबाद सर्किल तथा मेरठ का सिविल लाइन सर्किल प्रदर्शन के मामले में सबसे आगे रहे। स्याना में छह माह पहले लंबित 169 विवेचनाएं घटकर अब 132 रह गईं, जबकि सिकन्द्राबाद ने 384 से घटाकर 307 और सिविल लाइन मेरठ ने 269 से घटाकर 219 विवेचनाएं कर दीं। इसी तरह हापुड़ के गढ़ सर्किल ने भी बेहतर काम करते हुए लंबित मामलों की संख्या 166 से घटाकर 142 कर दी। डीआईजी ने इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसे ही समर्पण से न्यायिक कार्यवाही को गति मिल सकती है।
लापरवाही से बढ़े मामले, डीआईजी ने कड़ा नोटिस दिया—अब नहीं चलेगी ढील
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वहीं दूसरी ओर समीक्षा में बागपत और मेरठ के कुछ सर्किलों की लापरवाही साफ तौर पर सामने आई। बागपत सर्किल में छह माह पहले लंबित 278 विवेचनाएं बढ़कर 332 हो गईं। मेरठ के ब्रह्मपुरी सर्किल में 212 से बढ़कर 244 और दौराला सर्किल में 321 से बढ़कर 356 मामले लंबित पाए गए। डीआईजी ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए सम्बंधित क्षेत्राधिकारियों को सचेत किया और साफ कहा कि विवेचना निस्तारण में तेजी लाना अब अनिवार्य है।
सख्त हिदायतों के बीच ऑपरेशन विवेचना पर कड़ी निगरानी
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परिक्षेत्र के जनपदों में पर्याप्त संख्या में निरीक्षक और उपनिरीक्षक तैनात हैं। बावजूद इसके यदि कुछ सर्किलों में विवेचनाओं का निस्तारण संतोषजनक ढंग से नहीं हो रहा तो यह केवल निगरानी और पर्यवेक्षण की कमी को दर्शाता है। इसी क्रम में बागपत के नगर सर्किल पेशी कार्यालय में तैनात कुछ कर्मचारियों की कार्यदक्षता पर सवाल उठने के बाद उन्हें वहां से हटाकर अन्य थानों की बीटों में स्थानांतरित कर दिया गया। डीआईजी नैथानी ने स्पष्ट संदेश दिया कि ऑपरेशन विवेचना एक प्राथमिकता अभियान है और इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी सर्किलों को समयबद्ध तरीके से विवेचना निस्तारण करना होगा, ताकि जनता को समय पर न्याय मिल सके।