विश्व प्रदूषण रोकथाम दिवस परसरस्वती चिकित्साविज्ञान संस्थान ने किया जागरूकता कार्यक्रम

Rashtriya Shikhar
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On World Pollution Prevention Day, Saraswati Institute of Medical Sciences organized an awareness programme IMAGE CREDIT TO इंस्टिट्यूट

हापुड़ (शिखर समाचार)
विश्व प्रदूषण रोकथाम दिवस के अवसर पर सरस्वती चिकित्साविज्ञान संस्थान के ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र मुख़ीमपुर में पर्यावरण संरक्षण को समर्पित एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। सामुदायिक चिकित्सा विभाग के सहयोग से हुए इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण समुदाय और चिकित्साशास्त्र के विद्यार्थियों को प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण सुरक्षा तथा टिकाऊ जीवनशैली के प्रति जागरूक करना था।

हरित आदतों से नीला ग्रह: व्यक्तिगत प्रयासों से पर्यावरण सुरक्षा की दिशा

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इस वर्ष की थीम हरित आदतें, स्वच्छ आदतें, नीले ग्रह के लिए हरित पहल के अनुरूप कार्यक्रम के सभी चरण संचालित किए गए। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी योजनाओं का विषय नहीं, बल्कि आमजन की दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव की प्रक्रिया है।

कार्यक्रम का संचालन शुभम कुमार शर्मा और वैभव त्यागी ने किया। उन्होंने वायु, जल, ध्वनि और मिट्टी प्रदूषण के कारणों तथा उनके मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की विस्तृत जानकारी दी। वक्ताओं ने कहा कि प्रदूषण रोकथाम के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में सरल लेकिन प्रभावी कदम शामिल करने होंगे जैसे प्लास्टिक का कम उपयोग, कचरे का पृथक्करण, जल-संरक्षण, पौधारोपण, वाहनों से होने वाले धुएँ को नियंत्रित करना और अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखना।

उन्होंने बताया कि यदि समाज सचमुच हरित आदतों को अपनाए, तो प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

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इस कार्यक्रम में चिकित्सा स्नातक 2023 बैच के विद्यार्थियों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी भी शामिल हुए। संवादात्मक चर्चाओं, उदाहरणों और प्रत्यक्ष प्रदर्शन के माध्यम से प्रतिभागियों को समझाया गया कि पर्यावरण संरक्षण विशाल अभियानों से नहीं, बल्कि छोटे-छोटे दैनिक प्रयासों से संभव है। सामूहिक प्रयास ही आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान कर सकते हैं।

सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष, विनीत रस्तोगी ने कार्यक्रम की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण समुदाय को प्रदूषण जैसे गंभीर विषय पर जागरूक करना आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनेक स्वास्थ्य समस्याएँ सीधे पर्यावरण से जुड़ी हैं, इसलिए स्वास्थ्य क्षेत्र की संस्थाओं का दायित्व है कि वे जनमानस को प्रदूषण रोकथाम की दिशा में शिक्षित करें।
उन्होंने ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र की टीम, संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों के समर्पण की सराहना की।

सरस्वती समूह के अध्यक्ष डॉ. जे. रामचंद्रन और उपाध्यक्ष रम्या रामाचंद्रन ने भी कार्यक्रम की सफलता पर टीम को शुभकामनाएँ दीं।

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संस्थान के वरिष्ठ नेतृत्व प्रधानाचार्य डॉ. बरखा गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार आर.के. सेहगल, प्रशासन निदेशक रघुवर दत्त तथा महाप्रबंधक एन. वर्धराजन ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थान समुदाय-आधारित गतिविधियों के माध्यम से समाज कल्याण में निरंतर योगदान देता रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि मुख़ीमपुर स्थित ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र न केवल स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ। हरित आदतें अपनाने तथा स्वच्छ, हरित और स्वस्थ भविष्य के निर्माण का यह वचन समाज में पर्यावरणीय जिम्मेदारी के महत्व को और प्रबल करता है तथा प्रत्येक नागरिक को प्रदूषण रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश देता है।

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