नोएडा (शिखर समाचार)
Noida ने स्वच्छता की दौड़ में देशभर के शहरों को पछाड़ते हुए नया परचम लहराया है। 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की राष्ट्रीय श्रेणी में Noida ने पहला स्थान प्राप्त कर पूरे देश में अपना परचम फहराया। इसी की बदौलत राजधानी दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने Noida प्राधिकरण की सीईओ लोकेश एम को गोल्डन सिटी अवॉर्ड से नवाज़ा।
स्वच्छता सर्वेक्षण में 80% से अधिक अंक पाकर Noida ने रचा इतिहास, बनी नवाचार और जनसहयोग की मिसाल
यह महज एक सम्मान नहीं, बल्कि नोएडा की ज़मीन से आसमान तक फैली सफाई व्यवस्था, तकनीकी नवाचार, और जनसहयोग से गढ़ी गई एक नई पहचान है। शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय द्वारा आयोजित इस स्वच्छता सर्वेक्षण में कुल 12,500 अंकों के मूल्यांकन में नोएडा को 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए, जो किसी भी शहर के लिए गौरव की बात है।
इस मूल्यांकन में मंत्रालय की टीमों ने शहर में कई स्तरों पर औचक निरीक्षण किए, जिससे यह साबित हो सके कि नोएडा की स्वच्छता सिर्फ कागज़ों तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर भी उतनी ही प्रभावशाली है।
लगातार चौथी बार स्वच्छता में अव्वल, इस बार शीर्ष पर पहुंचा Noida
2021, 2022 और 2023 की तरह इस बार भी नोएडा ने अपने प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए लगातार चौथी बार स्वच्छता की ट्रॉफी अपने नाम की है। खास बात यह रही कि साल 2022 में जहां नोएडा को इसी श्रेणी में पांचवां स्थान मिला था, वहीं इस बार सीधा शीर्ष स्थान हासिल करके नोएडा ने जबरदस्त वापसी की है।
इस सर्वे में स्मॉल सिटी, वेरि स्मॉल सिटी, मीडियम सिटी, बिग सिटी और मिलियन प्लस सिटी जैसी श्रेणियां थीं, जिनमें नोएडा मीडियम सिटी (3-10 लाख आबादी) की श्रेणी में आता है। इस श्रेणी में दूसरे स्थान पर चंडीगढ़ रहा, लेकिन नोएडा ने अपनी सफाई, नवाचार और नागरिक सहभागिता के दम पर सबको पीछे छोड़ दिया। उत्तर प्रदेश में भी नोएडा ने लगातार दूसरे वर्ष पहला स्थान अर्जित करके राज्य का मान बढ़ाया है। यह सम्मान न केवल शहर के लिए बल्कि इसके हर निवासी के लिए गर्व की बात है, जिन्होंने इस स्वच्छता यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। अब नोएडा केवल टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर में ही नहीं, बल्कि स्वच्छता में भी देश का ब्रांड सिटी बनकर उभर चुका है।