Sharda University में एमडीएस के नए सत्र का आगाज़, ओरिएंटेशन में छात्रों को मिली प्रोफेशनलिज़्म की पहली झलक

Rashtriya Shikhar
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New MDS Session Begins at Sharda University IMAGE CREDIT TO SHARDA UNIVERSITY

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)।
नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज में मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (एमडीएस) के 14वें बैच का शैक्षणिक सफर औपचारिक रूप से शुरू हो गया है। प्रथम वर्ष के नवागंतुक छात्रों के स्वागत के लिए आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में संस्थान ने उन्हें न सिर्फ शैक्षणिक व्यवस्था से रूबरू कराया, बल्कि दंत चिकित्सा की आधुनिक संभावनाओं और अनुसंधान के महत्व को भी उनके सामने रखा।

दंत चिकित्सा में नई उड़ान: आत्म-विकास, शोध और नैदानिक दक्षता की ओर पहला कदम

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शुरुआती सत्र में स्कूल के ऑफिसिएटिंग डीन डॉ हेमंत साहनी ने छात्रों को संबोधित करते हुए दंत चिकित्सा के बदलते स्वरूप, नैदानिक दक्षता और शोध आधारित ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने एमडीएस प्रोग्राम की विस्तृत संरचना पर बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि आने वाले तीन वर्ष केवल अध्ययन के नहीं, बल्कि आत्म-विकास, गहन अभ्यास और पेशेवर जिम्मेदारी को आत्मसात करने के भी होंगे।

कार्यक्रम के दौरान छात्रों और उनके अभिभावकों को यूनिवर्सिटी के नियम-कायदे, उपस्थिति नीति, परीक्षा प्रक्रियाएं और रैगिंग के प्रति सख्त रुख जैसी अहम बातों से अवगत कराया गया। साथ ही उन्हें उन्नत प्रयोगशालाएं, रिसर्च फैसिलिटीज, क्लिनिकल ट्रेनिंग सेंटर और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी आधुनिक सुविधाओं की भी जानकारी दी गई, जो उनके अकादमिक सफर को प्रभावी बनाएंगी।

एमडीएस: एक डिग्री नहीं, जिम्मेदारी की शुरुआत — अनुशासन, शोध और सफलता का संकल्प

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इस मौके पर विभागाध्यक्षों ने विद्यार्थियों को समय की पाबंदी, अनुशासन और नियमित उपस्थिति के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि एमडीएस सिर्फ एक डिग्री नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। साथ ही थीसिस और शोध प्रबंध को गंभीरता से लेने और मौलिक विचारों पर काम करने की प्रेरणा दी गई।

ओरिएंटेशन के इस सारगर्भित आयोजन में डॉ पल्लवी शर्मा, डॉ रितिका गुप्ता, डॉ अजीत कुमार, डॉ सुशांत कुमार साहो और पूर्णिमा राय सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ संकाय सदस्य और छात्र-छात्राओं के अभिभावक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन एक स्पष्ट संदेश के साथ हुआ सफलता का रास्ता मेहनत, अनुशासन और प्रतिबद्धता से होकर ही गुजरता है।

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