नई दिल्ली (शिखर समाचार)
विश्व फोटोग्राफी दिवस पर आज आनंद विहार नमो भारत स्टेशन कुछ खास बन गया, जब एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने न्यूरोडाइवर्स कलाकारों द्वारा खींची गई तस्वीरों की अनूठी प्रदर्शनी सितारे नमो भारत में का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी स्टेशन को सिर्फ़ एक ट्रांजिट हब से आगे ले जाकर रचनात्मकता और समावेशिता का सामाजिक मंच बना रही है।
नमो भारत स्टेशन पर न्यूरोडाइवर्स कलाकारों की अनूठी फोटोग्राफी प्रदर्शनी: रचनात्मकता और समावेशिता का नया अध्याय
इस मौके पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों और यात्रियों ने देखा कि कैसे ADHD जैसी न्यूरोडाइवर्स स्थितियों से जूझ रहे युवा अपनी कैमरे की नज़र से दुनिया को एक नई भाषा दे रहे हैं। प्रदर्शनी में लगी तस्वीरें न केवल उनकी प्रतिभा का प्रमाण हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि संवेदनशील दृष्टिकोण और कल्पना शक्ति मिलकर कैसे अद्भुत कलाकृतियों को जन्म देती हैं।
गोयल ने प्रतिभागियों से संवाद किया, उनकी सोच और अनुभवों को सुना और सभी कलाकारों को सर्टिफिकेट और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। वहीं कलाकारों और उनके परिवारों ने नमो भारत ट्रेन में सफर भी किया। 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार का यह अनुभव उनके लिए केवल यात्रा नहीं, बल्कि गौरव और आत्मविश्वास का प्रतीक बन गया।
KnowDisability.org के सहयोग से न्यूरोडाइवर्स फोटोग्राफी स्टूडियो की तस्वीरें, नमो भारत स्टेशन पर 6 सितंबर तक मुफ्त प्रदर्शित
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यह प्रदर्शनी KnowDisability.org के सहयोग से आयोजित की गई है। खास बात यह है कि तस्वीरें भारत के पहले न्यूरोडाइवर्स फोटोग्राफी स्टूडियो में खींची गई हैं, जिसे पूरी तरह विशेष जरूरतों वाले युवा ही संचालित करते हैं। प्रदर्शनी 6 सितंबर 2025 तक आम लोगों के लिए बिल्कुल निःशुल्क खुली रहेगी।
नमो भारत स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा और समावेशिता के लिए टैकटाइल पाथ, विशाल लिफ्टें और आपात चिकित्सा स्ट्रेचर मूवमेंट की व्यवस्था पहले से ही मौजूद है। यही वजह है कि ये स्टेशन अब यात्रा का साधन भर नहीं, बल्कि संस्कृति, कला और सामाजिक सहभागिता के जीवंत केंद्र बनते जा रहे हैं।
