गोबर से बनेगा गाजियाबाद का भविष्य : महिलाओं के हाथों तैयार होगा प्राकृतिक पेंट, नगर निगम की पहल को मिली ब्लूमबर्ग में वैश्विक पहचान

राष्ट्रीय शिखर
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Municipal corporation's initiative gets global recognition in Bloomberg

गाजियाबाद (शिखर समाचार) अब गोबर सिर्फ पशु अपशिष्ट नहीं, बल्कि गाजियाबाद के विकास और महिलाओं की आत्मनिर्भरता का ज़रिया बनेगा। नगर निगम ने महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ जोड़ते हुए एक ऐसी अनूठी पहल शुरू की है, जो शहर की पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित कर रही है। ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रॉपीज 2025 मेयर्स चैलेंज में गाजियाबाद नगर निगम ने दुनिया के 630 शहरों को पीछे छोड़ते हुए टॉप 50 में जगह बना ली है और इसके लिए उसे 50,000 डॉलर की ग्रांट भी मिलने जा रही है।

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने निगम मुख्यालय में स्वयं सहायता समूह की 60 महिलाओं के साथ विशेष बैठक की। इस दौरान उन्होंने उन्हें गोबर से प्राकृतिक पेंट तैयार करने के लिए प्रेरित किया और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों की दिशा में सहयोग की अपील की। महिलाओं ने भी पूरे जोश और विश्वास के साथ इस पहल में भागीदारी का संकल्प लिया।

नगर निगम ने इस योजना को दो वार्डों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने की रणनीति

नगर निगम ने इस योजना को दो वार्डों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने की रणनीति बनाई है। योजना के तहत इन वार्डों में दीवारों पर गोबर से बना पेंट लगाया जाएगा, जिससे न केवल प्राकृतिक शीतलता मिलेगी, बल्कि कंक्रीट के बढ़ते तापमान से भी राहत मिलेगी।

नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यदि गाजियाबाद टॉप 25 शहरों में स्थान बनाता है, तो उसे एक मिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि भी प्राप्त होगी, जिसका उपयोग महिलाओं की आयवर्धन योजनाओं और स्वच्छता मिशनों में किया जाएगा।

बैठक में डूडा विभाग के परियोजना अधिकारी संजय पथरिया समेत विभिन्न ज़ोनल अधिकारियों ने भाग लिया

बैठक में डूडा विभाग के परियोजना अधिकारी संजय पथरिया समेत विभिन्न ज़ोनल अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ. अनुज ने जानकारी दी कि शहर के विभिन्न ज़ोन से गोबर इकट्ठा करने की प्रणाली को मजबूत किया जाएगा और विशेष प्लांट की स्थापना कर गोबर से पेंट निर्माण की प्रक्रिया को गति दी जाएगी।

बैठक के दौरान महिलाओं ने गोबर से बनी धूपबत्ती, लक्ष्मी-गणेश प्रतिमाएं, दीये जैसी वस्तुएं भी प्रदर्शित कीं। नगर आयुक्त ने इन उत्पादों की खरीदारी कर महिलाओं का हौसला बढ़ाया और उन्हें निगम की प्रमुख योजनाओं से जोड़ने का भरोसा भी दिलाया।

यह योजना न सिर्फ पर्यावरण के लिए लाभकारी सिद्ध होगी, बल्कि नालियों में बहते गोबर पर रोक, स्वच्छता में सुधार, महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और नगर निगम की राजस्व वृद्धि में भी सहायक बनेगी। गाजियाबाद नगर निगम ने साबित कर दिया है कि सही दिशा में किया गया नवाचार, स्थानीय संसाधनों के माध्यम से भी अंतरराष्ट्रीय मुकाम हासिल कर सकता है।

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