गाजियाबाद (शिखर समाचार)। दिल्ली की तर्ज पर अब गाजियाबाद के हिंडन शमशान घाट पर शिव की जटा से निकलने वाले जल से शव का अंतिम स्नान करने की तैयारी गाजियाबाद नगर निगम ने शुरू कर दी है। आगामी सितंबर महीने से इस कार्य को प्रारंभ करने की रणनीति नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की अध्यक्षता में की जा रही है। इसके अतिरिक्त हिंडन शमशान घाट में सौंदर्यकरण का कार्य भी तेजी से किया रहा है, जिसके अंतर्गत आधुनिक शवदाह गृह का कार्य भी लगभग 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।कम धुआं देने वाले आधुनिक दाह संस्कार संयंत्र स्थापित हो चुके है, वहीं दो संयंत्र गैस और एक संयंत्र लकड़ी वाला लगाया गया है। इन संयंत्र में गोबर की बनी हुई लकड़ी का इस्तेमाल किया जाएगा। शमशान घाट का कार्य ग्रीन रेवोल्यूशन फाउंडेशन के माध्यम से किया कराया जा रहा है। मोक्ष स्थल पर शव यात्रा के साथ आए हुए लोगों के बैठने के लिए भी पर्याप्त स्थान बनाया जा रहा है।
गाजियाबाद नगर निगम की पर्यावरण पहल: शमशान घाटों पर लगाए जा रहे आधुनिक दाह संस्कार संयंत्र, लकड़ी की खपत में भारी कमी
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नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के तहत गाजियाबाद नगर निगम लगातार कार्य कर रहा है। शमशान घाट पर 40 से अधिक प्लेटफॉर्म बने हुए है, जिनमें एक बार में 400 से 500 किलो लकड़ियों के माध्यम से अंतिम संस्कार किया जाता है, जिसमें कुछ सुधार करते हुए गाजियाबाद नगर निगम तीन आधुनिक तकनीकी के दाह संस्कार संयंत्र लगा रहा है, जिससे हिंदू धर्म की सभी क्रियाएं पूर्ण रूप से हो सकेंगे। ऐसा करने से दाह संस्कार के समय लकड़ी की कम खपत होगी और केवल 80 से 100 किलो लकड़ी के माध्यम से दाह संस्कार संभव हो जाएगा। एक शव दहा संस्कार से 2 वृक्षों को बचाया जा सकेगा तथा धुआ भी कम होगा। यहां दो संयंत्र सीएनजी के है और इन संयंत्र के माध्यम से केवल ढाई से 3 किलो ही राख निकलेगी। निगम द्वारा की इस पहल से पेड़ों तथा नदियों की सुरक्षा होगी और पर्यावरण को लाभ मिलेगा।
हिंडन शमशान घाट में आधुनिक सुविधाएं: एंट्री गेट, कार्यालय और शंकर भगवान की भव्य प्रतिमा स्थापित
मुख्य अभियंता निर्माण नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि शमशान घाट पर अन्य प्लेटफार्म की मरम्मत का कार्य भी लगातार जारी रहता है। प्रकाश, उद्यान, जलकल व स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी हिंडन नदी शमशान घाट पर नियमित कार्य किया जाता है।निर्माण विभाग हिंडन शमशान घाट पर एंट्री गेट और कार्यालय भी बना रहा गया है। हिंडन शमशान घाट पर शंकर भगवान की भव्य प्रतिमा भी लगाई गई है, जिनकी जटा से निकलने वाले जल से शव का अंतिम स्नान भी किया जा सकेगा। हरित शवदाह गृह से हिंदू रीति रिवाज को पूर्ण करते हुए अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।