गाजियाबाद (शिखर समाचार)। जिले के औद्योगिक और आवासीय परिदृश्य में नई ऊर्जा भरने वाली गाजियाबाद, लोनी और मोदी नगर महायोजना 2031 अब प्रभावी हो गई है। इस योजना के लागू होने से निवेशकों के लिए अवसरों का दायरा व्यापक हुआ है और जिले को औद्योगिक नक्शे पर और मजबूती से स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए कहा कि महायोजना का मूल उद्देश्य औद्योगिक गतिविधियों को गति देना और वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) की भावना के अनुरूप रोजगार के अवसर बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे के निकट नए औद्योगिक क्षेत्रों को प्रस्तावित किया गया है। इस कदम से उत्तर प्रदेश सरकार की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की महत्वाकांक्षी योजना को बल मिलेगा।
महायोजना 2031 से गाजियाबाद में टीओडी, लॉजिस्टिक और आधुनिक विकास के नए अवसर
उन्होंने कहा कि महायोजना की स्वीकृति के बाद अब ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति का क्रियान्वयन सुचारू रूप से किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत रैपिड रेल और मेट्रो कॉरिडोर के आसपास अफोर्डेबल हाउसिंग, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और मनोरंजन से जुड़ी आधुनिक सुविधाएं विकसित होंगी। खास बात यह है कि ऐसे क्षेत्रों को मिक्स्ड यूज कैटेगरी में शामिल करते हुए एफएआर को 1.5 से बढ़ाकर 5.0 कर दिया गया है।
महायोजना 2031 के दायरे में दो ट्रांसपोर्ट नगर, दो लॉजिस्टिक पार्क और चार ट्रक पार्किंग स्थल प्रस्तावित किए गए हैं, जिससे जिले में लॉजिस्टिक नेटवर्क मजबूत होगा और राजस्व सृजन में भी इजाफा होगा। वहीं आरआरटीएस दुहाई और गुलधर स्टेशन के पास करीब 900 हेक्टेयर भूमि को स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसडीए) के रूप में चिन्हित किया गया है। इसी तरह, मेट्रो रेड व ब्लू लाइन के 500 मीटर दायरे में 630 हेक्टेयर तथा रैपिड रेल कॉरिडोर के 1.5 किलोमीटर क्षेत्र में 4200 हेक्टेयर भूमि को टीओडी जोन में रखा गया है।
अतुल वत्स ने कहा कि आने वाले समय में गाजियाबाद को उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक और आधुनिक शहर बनाने की दिशा में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि शहर में मेट्रो के तीन नए प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं और प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण जीडीए अथवा पीपीपी मॉडल से कराने पर विचार हो रहा है।
महायोजना 2031: गाजियाबाद में आवास, व्यावसायिक और हरित क्षेत्र के साथ योजनाबद्ध विकास
ALSO READ:https://rashtriyashikhar.com/mascot-metal-workers-receive-safety-gear/
गाजियाबाद की आबादी को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई इस महायोजना में 66 लाख की जनसंख्या का प्रावधान रखा गया है। साथ ही 15-15 प्रतिशत क्षेत्र को आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए तथा लगभग 20 प्रतिशत भूमि को हरित क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव है।
प्राधिकरण सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि अब 24 मीटर सड़क से लगे भूखंडों पर ‘नीचे दुकान-ऊपर मकान’ की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए भूखंड स्वामियों को बिल्डिंग मानचित्र सहित आवेदन करना होगा। जो स्वामी नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ प्राधिकरण कार्रवाई करेगा।
जीडीए उपाध्यक्ष ने यह भी बताया कि महायोजना 2031 में 15 जोन प्रस्तावित किए गए हैं और अगले सप्ताह इनके लिए जोनल प्लान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने हेतु आरएफपी जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद का भविष्य अब योजनाबद्ध विकास और आधुनिक शहरी ढांचे की ओर बढ़ रहा है, जहां औद्योगिक गतिविधियां, आवासीय सुविधाएं और परिवहन नेटवर्क आपस में समन्वय बनाकर शहर को नई पहचान देंगे।
