Shardha University में मार्केटिंग मंत्र : Kabir Chaudhary ने छात्रों को सिखाई ब्रांड की बाज़ीगरी

Rashtriya Shikhar
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Marketing Mantra at Sharda University IMAGE CREDIT TO SHARDHA UNIVERSITY

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)।
शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज और एलुमनाई एसोसिएशन के संयुक्त प्रयास से एक ऐसा अतिथि व्याख्यान आयोजित हुआ जिसने छात्रों की सोच की दिशा ही बदल दी। मंच पर मौजूद थे मार्केटिंग के महारथी, ग्रोथ मास्टर और फ्रैंचाइज़ी वॉयस डॉट कॉम के संस्थापक कबीर चौधरी जिन्होंने स्टार्टअप दुनिया और कॉर्पोरेट ब्रांड्स के असली खेल को छात्रों के सामने इस अंदाज़ में खोला कि हर चेहरा जिज्ञासा से दमक उठा।

कबीर चौधरी के व्याख्यान में छात्रों ने सीखी मार्केटिंग की रणनीतियाँ और उपभोक्ता व्यवहार की गहराई

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इस व्याख्यान का मूल मकसद था विद्यार्थियों को यह समझाना कि आज की प्रतिस्पर्धा सिर्फ प्रचार की नहीं, रणनीतिक सोच और ग्राहक की मानसिकता को समझने की है। कबीर चौधरी ने बताया कि बदलते बाजार में सिर्फ उत्पाद नहीं, उपभोक्ता की भावना भी बिकती है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अब प्रचार से नहीं, अनुभव से जुड़ता है और यही जुड़ाव भविष्य की ब्रांड बिल्डिंग का मूल मंत्र है।

छात्रों को मार्केटिंग रिसर्च, मूल्य निर्धारण, प्रचार तकनीकों और उत्पाद जीवनचक्र की व्यावहारिक उपयोगिता का ऐसा पाठ पढ़ाया गया जो किसी किताब में नहीं मिलता। कबीर चौधरी ने बताया कि सुपरमार्केट में किस उत्पाद को कहां रखा जाता है, यह निर्णय कैसे ब्रांड की बिक्री को प्रभावित करता है यह जानकर छात्र चकित रह गए।

कबीर चौधरी ने साझा किए व्यावसायिक अनुभव, छात्रों को ब्रांडिंग और ग्राहक संवाद की अहमियत समझाई

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उन्होंने यह भी समझाया कि कैसे नई कंपनियाँ अपनी रणनीतियों को उपभोक्ता की बदलती जरूरतों के हिसाब से ढालकर खुद को स्थिर और प्रासंगिक बनाए रखती हैं। उन्होंने यह बात भी जोर देकर कही कि जब कोई ब्रांड ग्राहक के साथ संवाद करता है, तो वह सिर्फ व्यापार नहीं करता बल्कि एक भरोसे का रिश्ता भी बनाता है।

कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने खुलकर प्रश्न पूछे और कबीर चौधरी ने हर सवाल का जवाब अपने अनुभवों के उदाहरणों से देकर उनकी सोच को नया दृष्टिकोण दिया। डीन डॉ. निखिल कुलश्रेष्ठ, डॉ. शांति नारायणन, डॉ. हरि शंकर श्याम, डॉ. खगेंद्रनाथ गंगई, डॉ. जुनैद आलम सहित कई फैकल्टी सदस्य इस ज्ञानवर्धक सत्र के साक्षी बने।

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