यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 88वीं बोर्ड बैठक में लिए गए बड़े फैसले

Rashtriya Shikhar
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Major Decisions Taken in the 88th Board Meeting IMAGE CREDIT TO YAMUNA AUTHORITY

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार) यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येइडा) की 88वीं बोर्ड बैठक शनिवार को प्राधिकरण के सभागार में आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने की, जबकि सीईओ राकेश कुमार सिंह ने एजेंडा बिंदुओं को विस्तार से प्रस्तुत किया। इस दौरान वित्तीय उपलब्धियों से लेकर किसानों को मुआवज़े के भुगतान, स्मार्ट विलेज परियोजना, औद्योगिक निवेश और नई आधारभूत संरचना योजनाओं पर कई अहम निर्णय लिए गए।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राधिकरण की प्राप्तियों में बढ़ोतरी

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बैठक में बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 31 अगस्त तक प्राधिकरण की कुल प्राप्तियां 1314.10 करोड़ रुपये रहीं, जबकि भुगतान 2063.41 करोड़ रुपये किया गया। तुलना में बीते वित्तीय वर्ष की प्राप्तियों के मुकाबले यह आंकड़ा 100.48 प्रतिशत तक पहुंच गया है। वर्ष 2007 से 2013 तक भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर (नो लिटिगेशन इंसेंटिव) के रूप में अब तक 2835.03 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं।

इसी तरह 7 प्रतिशत आबादी भूखंड योजना के तहत शुरुआती 29 गांवों के पात्र किसानों को अब तक 6260 आरक्षण पत्र जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 4171 भूखंड आवंटित हो चुके हैं। आठ गांवों में यह भूखंड किसानों को सौंपे भी जा चुके हैं, जबकि अन्य गांवों में विकास की प्रक्रिया जारी है।

स्मार्ट विलेज योजना में तेजी: 29 गांवों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का लक्ष्य

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स्मार्ट विलेज योजना के तहत 29 गांवों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाने का निर्णय लिया गया था। इनमें से 9 गांवों में सड़क, सीवरेज नेटवर्क, पेयजल, स्ट्रीट लाइट, चौपाल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी सुविधाएं पूरी हो चुकी हैं। 10 गांवों में कार्य प्रगति पर है और शेष गांवों में प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। इसके लिए अब तक लगभग 125 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

बैठक में आगरा स्थित यमुना एक्सप्रेसवे के पास एक बड़े आश्रय स्थल (गौशाला) और वहां तक पहुँच मार्ग बनाने पर सहमति बनी, जिस पर लगभग 2.15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-18 में प्रस्तावित थीम-बेस्ड और ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर आधारित प्राधिकरण के नए कार्यालय भवन की योजना को भी बोर्ड की मंजूरी दी गई।

नोएडा में लॉजिस्टिक वेयरहाउसिंग हब का विकास और ऊँची इमारतों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी लागू

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नॉएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास सेक्टर-एफ को लॉजिस्टिक वेयरहाउसिंग हब के रूप में विकसित करने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिए विशेषज्ञ परामर्शदाता संस्था द्वारा बाजार मूल्यांकन और ले-आउट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

भवन विनियमावली 2010 के अनुरूप ऊँची इमारतों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी अपनाने और इसके लिए आईआईटी, एनआईटी व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से विशेषज्ञों का पैनल गठित करने पर सहमति बनी।

“फेज-2 क्षेत्र में मास्टरप्लान 2041: हाथरस और आगरा अर्बन सेंटर के लिए व्यापक नियोजन प्रस्तावित

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प्राधिकरण ने फेज-2 क्षेत्र में हाथरस जिले में जेन सेंटर और आगरा अर्बन सेंटर मास्टरप्लान 2041 को लेकर भी कदम बढ़ाए। आगरा अर्बन सेंटर के लिए 14,480 हेक्टेयर भूमि का नियोजन प्रस्तावित है, जिसमें आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक, पर्यटन, लॉजिस्टिक और ग्रीन ज़ोन सहित सभी श्रेणियों के लिए अलग प्रावधान रखे गए हैं।

बैठक में नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर (NAEC) और मेडिकल डिवाइसेज़ पार्क की प्रगति रिपोर्ट भी बोर्ड के सामने रखी गई। दोनों योजनाओं में भूखंड आवंटन और निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वहीं, रुके हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के समाधान के लिए बनाई गई नीति के तहत बिल्डरों के साथ समझौते की प्रक्रिया जारी है। इस तरह प्राधिकरण की 88वीं बोर्ड बैठक में किसानों के हित, औद्योगिक निवेश, शहरी नियोजन और आधारभूत संरचना के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिन्हें आने वाले वर्षों में क्षेत्र की दिशा बदलने वाला माना जा रहा है।

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