प्राधिकरणों की कार्यशैली पर विधान परिषद की अंकुश समिति ने गौतमबुद्धनगर में मांगा जवाब, अफसरों ने रखी फाइल-दर-फाइल रिपोर्ट”

राष्ट्रीय शिखर
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Legislative Council on the working style of authorities

गौतमबुद्धनगर/गाजियाबाद (शिखर समाचार)
उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राधिकरणों, नगर निगमों, आवास विकास परिषदों और जिला पंचायतों की कार्यप्रणाली अब विधान परिषद की सख्त निगरानी में है। विधान परिषद की विशेष समिति अंकुश समिति ने गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जनपदों के अफसरों को सीधे कटघरे में खड़ा कर लिया। समिति ने दो टूक कहा कि जिन योजनाओं में गड़बड़ियों की शिकायतें मिली हैं, उन पर अब लीपापोती नहीं चलेगी, हर सवाल का जवाब दस्तावेज़ों सहित चाहिए।

मौजूदगी में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अपने विभाग की गतिविधियों

गौतमबुद्धनगर के एक विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में समिति की विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता समिति के सभापति बृजेश कुमार सिंह ‘प्रिन्सू’ ने की। इस दौरान समिति के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अपने विभाग की गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने समिति को भरोसा दिलाया कि प्राधिकरण से जुड़ी अधिकांश शिकायतों व प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण कर लिया गया है और उससे संबंधित रिपोर्ट भी सौंप दी गई है।

प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा कि गाजियाबाद में संचालित की जा रही योजनाओं और भविष्य की परियोजनाओं को भी समिति के समक्ष स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गाजियाबाद में शुभारंभ किए गए पहल पोर्टल की कार्यप्रणाली, प्रगति और उद्देश्यों की जानकारी भी समिति को दी गई है।

बैठक में खास बात यह रही कि समिति ने केवल रिपोर्ट स्वीकार करने तक खुद को सीमित

बैठक में खास बात यह रही कि समिति ने केवल रिपोर्ट स्वीकार करने तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि हर बिंदु पर बारीकी से चर्चा की और कई मामलों में विस्तार से स्पष्टीकरण भी मांगा। इससे साफ हो गया कि अब प्रदेश में नगर विकास से जुड़ी किसी भी एजेंसी को जवाबदेही से बचने का मौका नहीं मिलेगा।

सूत्रों की मानें तो समिति आगामी समय में अन्य जिलों के प्राधिकरणों की भी जांच पड़ताल करेगी और जहां-जहां गड़बड़ियों के संकेत मिलेंगे, वहां कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। इस सक्रियता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार अब विकास कार्यों की पारदर्शिता के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बर्दाश्त करेगी।

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