गाजियाबाद (शिखर समाचार)
गाजियाबाद स्थित आईटीएस में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय गाजियाबाद के तत्वावधान में एक विशिष्ट पासपोर्ट पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया। यह पहल युवाओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान और अवसरों से जोड़ने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के द्रोणाचार्य ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी अनुज स्वरूप (आईएफएस), निदेशक पीआर सुरेंद्र सूद और आईटीएस स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ अजय कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही।
डॉ. अजय कुमार ने पासपोर्ट पंजीकरण में छात्रों को भागीदारी के लिए प्रेरित किया
उद्घाटन के मौके पर डॉ अजय कुमार ने आए हुए सभी छात्रों और शिक्षकों को पासपोर्ट पंजीकरण की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पासपोर्ट के वर्तमान समय में महत्व को रेखांकित करते हुए इसे वैश्विक अवसरों का प्रवेशद्वार बताया। सुरेंद्र सूद ने अपने संबोधन में शिक्षा संस्थानों में इस तरह के शिविरों की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए आईटीएस गाजियाबाद के एमबीए, पीजीडीएम और एमसीए प्रोग्राम्स की एनबीए से प्राप्त मान्यता का उल्लेख किया और इसे संस्थान की गुणवत्ता का प्रतीक बताया। अर्पित चड्ढा ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे विद्यार्थियों के भविष्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक ठोस प्रयास बताया। उन्होंने छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के प्रति आभार जताया।
आईटीएस की पहल को मिली प्रशंसा, पासपोर्ट कैंप के लिए सहयोग का वादा
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अनुज स्वरूप ने आईटीएस की इस पहल को अनुकरणीय बताते हुए पासपोर्ट कैंप की सफलता के लिए हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में संस्थान के चेयरमैन डॉ आर पी चड्ढा की ओर से भी इस आयोजन को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की गई और उन्होंने भविष्य में भी इस प्रकार की सामाजिक रूप से लाभकारी पहलों के लिए संस्थान को प्रोत्साहित किया। उद्घाटन समारोह के दौरान आईटीएस गाजियाबाद के निदेशक डॉ वी एन बाजपेई, एमबीए चेयरपर्सन डॉ उमा गुलाटी, पीजीडीएम चेयरपर्सन डॉ अनुषा अग्रवाल सहित संस्थान के समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। यह पासपोर्ट शिविर 17 जुलाई 2025 तक चलेगा, जिसमें छात्रों सहित आमजन भी पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। इस पहल से छात्रों को पासपोर्ट बनवाने के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत के साथ ही सरकारी सेवाओं तक सीधी पहुंच सुनिश्चित हो रही