लखनऊ (शिखर समाचार) उत्तर प्रदेश शासन ने मंगलवार को आईपीएस अधिकारियों के तबादले करते हुए पुलिस महकमे में बड़े स्तर पर बदलाव किए हैं। इन तबादलों के साथ ही कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी बदली गई है, जिससे आने वाले दिनों में पुलिसिंग की कार्यशैली और प्रशासनिक ढांचा नए स्वरूप में दिखाई देगा।
आईपीएस अफसरों के तबादले: एम.के. बशाल को होमगार्ड्स का महानिदेशक
जारी आदेश के अनुसार एम.के. बशाल आईपीएस-1990 बैच जो अब तक पुलिस महानिदेशक यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के पद पर कार्यरत थे उन्हें स्थानांतरित कर पुलिस महानिदेशक/महासमादेशक होमगार्ड्स लखनऊ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसी क्रम में जय नारायण सिंह आईपीएस-1994 बैच जो अपर पुलिस महानिदेशक पीटीसी सीतापुर थे अब पुलिस महानिदेशक यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ के पदभार संभालेंगे।
प्रशांत कुमार को अतिरिक्त जिम्मेदारी सहित अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन
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वहीं प्रशान्त कुमार आईपीएस-2000 बैच को अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन यूपी का दायित्व तो रहेगा ही इसके साथ ही उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश का भी प्रभार सौंपा गया है।
इसके अलावा उपेन्द्र कुमार अग्रवाल आईपीएस-2005 बैच जो अब तक पुलिस महानिरीक्षक पीएसी मुख्यालय लखनऊ के पद पर कार्यरत थे उन्हें स्थानांतरित कर पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना मुख्यालय लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है।
सतेंद्र कुमार को पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी आगरा नियुक्ति
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सतेंद्र कुमार आईपीएस-2010 बैच जो पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रतिश्रुत मुख्यालय पुलिस महानिदेशक लखनऊ के पद पर थे अब पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी आगरा की जिम्मेदारी संभालेंगे।
पुलिस विभाग में इस प्रकार का फेरबदल हमेशा से प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। जानकारों का मानना है कि इस कदम से कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने, कार्यकुशलता बढ़ाने तथा विभिन्न स्तरों पर पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने की दिशा में सरकार का प्रयास स्पष्ट झलकता है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में पुलिस अधिकारियों की यह नई जिम्मेदारियां प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस संगठन के संचालन पर सीधा प्रभाव डालेंगी। खासकर जहां नई तैनाती दी गई है, वहां अधिकारियों से तेज और संवेदनशील निर्णय की अपेक्षा रहेगी। इस बड़े फेरबदल को सरकार की रणनीतिक पहल भी माना जा रहा है, ताकि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके और पुलिसिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता तथा गति सुनिश्चित हो।