नई दिल्ली (शिखर समाचार)
संसद भवन में शुक्रवार को भारत और कोरिया गणराज्य के बीच रिश्तों की गर्मजोशी साफ नजर आई, जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोरिया के पूर्व प्रधानमंत्री श्री किम बू क्यूम के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्टता से दोहराया और कहा कि आतंकी ताकतों को अब भारत की ओर से संयम की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
आतंकवाद पर सख्त रुख और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे न केवल मानवता के खिलाफ अपराध बताया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला कृत्य कहा। श्री बिरला ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब पाकिस्तान अपनी धरती पर पल रहे आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करने में विफल रहता है, तब भारत अपनी संप्रभुता का प्रयोग करते हुए निर्णायक प्रतिक्रिया देने के लिए बाध्य होता है। इसी क्रम में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया, जिसे भारत ने बेहद संतुलन और सटीकता से केवल आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए अंजाम दिया।
बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ने कोरिया के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ली जे-म्युंग को भारतीय संसद की ओर से बधाई दी और विश्वास जताया कि उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक सशक्त और प्रभावी होंगे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि श्री ली पहले कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं, जिससे उनकी भारत के प्रति समझ और लगाव स्पष्ट है।
लोकतंत्र की मजबूती में तकनीक की भूमिका और भारत-कोरिया साझेदारी
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लोकतंत्र की साझा आस्था को बल देते हुए श्री बिरला ने कहा कि भारत और कोरिया, दोनों ही देशों की संसदें न सिर्फ अपने अपने नागरिकों की विविधता को दर्शाती हैं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को भी मजबूती से निभा रही हैं। उन्होंने कोरियाई राष्ट्रीय विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा पहलगाम हमले की निंदा और अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर शोक संदेश भेजे जाने पर आभार भी व्यक्त किया।
शासन व्यवस्था में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर बात करते हुए श्री बिरला ने बताया कि भारत ने संसद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे डिजिटल टूल्स को अपनाकर कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जनता की भागीदारी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने इस क्षेत्र में कोरिया के साथ भारत की विशेषज्ञता साझा करने की पेशकश की, ताकि दोनों देश लोकतांत्रिक संस्थाओं को और मजबूत बना सकें।
संसदीय सहयोग से मजबूत भारत-कोरिया साझेदारी और क्षेत्रीय शांति
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इस संवाद के दौरान कोरियाई प्रतिनिधिमंडल ने भारत की ओर से प्रस्तावित कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के गठन पर प्रसन्नता जताई। श्री बिरला ने जानकारी दी कि भारतीय संसद भी इसी तरह के समूह के गठन पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिससे संसदीय आदान प्रदान और सहयोग को नई मजबूती मिलेगी।
बैठक के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ने इस विश्वास के साथ अपनी बात समाप्त की कि भारत और कोरिया, इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में एक भरोसेमंद साझेदार की तरह मिलकर आगे बढ़ते रहेंगे।
