गाजियाबाद (शिखर समाचार) आईएमएस गाजियाबाद यूनिवर्सिटी कोर्सेज़ कैंपस में शनिवार को ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ विषय पर एक भव्य सम्मेलन आयोजित किया गया। आयोजन का मक़सद युवाओं को चुनाव सुधारों, लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती और एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा के महत्व से अवगत कराना रहा।
राजनीतिक दिग्गजों की मौजूदगी में हुआ ऐतिहासिक सम्मेलन का शुभारंभ
सम्मेलन के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल रहे। उनके साथ आईएमएस ग़ाज़ियाबाद ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल और ट्रस्टी एवं उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल भी मौजूद रहे। मंच से कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया गया।
कार्यक्रम में आईएमएस गाजियाबाद ग्रुप के सभी संस्थानों के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने बड़ी संख्या में शिरकत की।
सुनील बंसल का महत्वपूर्ण संदेश: ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ केवल नारा नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरत
अपने संबोधन में सुनील बंसल ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव केवल नारा नहीं, बल्कि भविष्य की आवश्यकता है। बार-बार चुनाव कराना न केवल देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ डालता है, बल्कि नीति निर्माण और विकास कार्यों को भी प्रभावित करता है। एक साथ चुनाव होने से सरकारें पूरी अवधि तक स्थिरता के साथ काम कर पाएंगी और जनकल्याण योजनाएँ बिना रुकावट लागू होंगी।
उन्होंने आँकड़ों के साथ बताया कि 2019 के आम चुनाव पर लगभग 55000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों का खर्च बढ़कर करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया। इस हिसाब से प्रति वोट पर लगभग 1,400 रुपये का औसत खर्च आया। बार-बार चुनाव कराने से देश की आर्थिक संरचना पर 4 से 7 लाख करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
चुनावी खर्चों में बड़ी बचत और योजनाओं में स्थिरता: बंसल ने एक साथ चुनाव के फायदे पर किया जोर
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बंसल ने कहा कि यदि एक साथ चुनाव कराए जाएँ तो इससे चुनावी खर्चों में भारी कटौती होगी और लगभग 1.5 प्रतिशत जीडीपी की बचत संभव है। साथ ही चुनावों के दौरान लागू आचार संहिता के कारण योजनाओं के ठप पड़ने की स्थिति से भी बचा जा सकेगा।
सम्मेलन में आईएमएस गाजियाबाद ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस के जनरल सेक्रेटरी सीए (डॉ.) राकेश छारिया, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, एग्ज़ीक्यूटिव काउंसिल सदस्य डॉ. प्रमोद अग्रवाल, संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) जसकिरण कौर और आईएमएस लालकुआँ कैंपस के निदेशक डॉ. प्रसून एम. त्रिपाठी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया।
