गाजियाबाद (शिखर समाचार)। थाना ट्रॉनिका सिटी पुलिस ने गुरुवार को मानव तस्करी गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 2 अभियुक्त नावेद व अफसर और 2 अभियुक्ता स्वाति व संध्या को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पकड़ा गया गैंग बच्चों का अपहरण करने के बाद उनको लगभग ढाई लाख रुपए में बेचा करता था। गैंग के तार अस्पताल और चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े हुए है, जो बच्चों को बेचने में गैंग की मदद करते थे। खास बात यह है कि गैंग देश के विभिन्न राज्यों में संपर्क कर अपहरण किए गए बच्चों को बेचा करता था।
अपहरण का सफल खुलासा: पुलिस ने 1 वर्षीय बच्ची को सुरक्षित बचाया
सहायक पुलिस आयुक्त लोनी सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि बीती 4 अगस्त 2025 को थाना ट्रॉनिका सिटी पर राशिद ने अपने 1 वर्ष के बच्चे का अपहरण कर बेचने का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर बच्चों को स:कुशल बरामद करने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया। सर्विलांस और सीसीटीवी के माध्यम से पुलिस लोनी इंटर कॉलेज पहुंची, जहां पुलिस को देखते ही अपहरणकर्ता बच्चों को छोड़कर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने बच्चों को स:कुशल उसके माता-पिता को सपुर्द कर अभियुक्तों की तलाश शुरू की। सीसीटीवी व अन्य माध्यम से इन चारों को गिरफ्तार किया गया।
अपहरणकर्ता गिरोह का खुलासा: बच्चे की बिक्री के लिए सौदेबाजी का पर्दाफाश
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पुलिस पूछताछ में अभियुक्त अफसर ने बताया कि उसकी मुलाकात नावेद अंसारी से हुई थी। नावेद अंसारी मुर्गे की दुकान संचालित करता था और सावन होने के कारण उसकी दुकान बंद हो गई थी। नावेद में बच्चे का अपहरण कर बेचने की योजना बनाई, जिसके लिए स्वाति और संध्या से संपर्क किया गया। संध्या का नेक्सस देश के विभिन्न राज्यों में था और उसने बच्चे को बेचने के लिए पहले ढाई लाख रुपए में डील दान करी थी। संध्या ने बाद में अर्जेंट डिलीवरी बताकर डील को डेढ़ लाख रुपए में दूसरी पार्टी से तय किया था।