हापुड़ (शिखर समाचार)।
हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में वर्षों से लंबित योजनाओं को गति देने की दिशा में अहम निर्णय लिए गए। मेरठ में मंडलायुक्त हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कुल 15 में से 13 प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई, जबकि शेष दो प्रस्तावों को और अधिक मंथन के लिए अगली बैठक तक स्थगित कर दिया गया।
आनंद विहार अधूरे प्रोजेक्ट का पुनरुद्धार: एनबीसीसी को सौंपा जिम्मा, भू-उपयोग प्रस्तावों पर बोर्ड की महत्वपूर्ण मंजूरी
बैठक में सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा आनंद विहार ब्लॉक-एच का अधूरा आवासीय प्रोजेक्ट, जहां 2016-17 में तैयार किए गए 152 एमआईजी और 64 एचआईजी फ्लैट वर्षों से बिक्री के अभाव और निर्माण कार्य के अटक जाने के कारण वीरान पड़े थे। अब इन अधूरे फ्लैटों को केंद्रीय सरकारी उपक्रम एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन) को सौंपने का निर्णय लिया गया है। एनबीसीसी इन भवनों को नया स्वरूप देकर विक्रय करेगी, जिससे प्राधिकरण को निर्माण लागत, लाभांश और अन्य शुल्क के रूप में राजस्व प्राप्त होगा।
बैठक की शुरुआत में पिछली बोर्ड बैठक में पारित प्रस्तावों की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके बाद भू-उपयोग परिवर्तन संबंधी कुल छह में से पांच प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जबकि गांव दोयमी में कृषि भू-उपयोग में परिवर्तन का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। साथ ही इंजीनियरिंग कंसलटेंसी और थर्ड पार्टी क्वालिटी निरीक्षण से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी नहीं दी गई।
हापुड़ महायोजना-2031 के लिए जोनल प्लानिंग शुरू, अधूरे फ्लैटों का पुनरुद्धार एनबीसीसी के साथ
बैठक में यह भी तय किया गया कि हापुड़ महायोजना-2031 के अंतर्गत जोनल प्लान तैयार किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में रणनीतिक खाका तैयार हो सकेगा।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. नितिन गौड़ ने बताया कि जिन फ्लैटों का निर्माण अधूरा पड़ा था, उन्हें अब एनबीसीसी के जरिए फिर से जीवंत किया जाएगा, जिससे वर्षों से अटकी इस योजना को न सिर्फ आय का स्रोत मिलेगा, बल्कि क्षेत्र की तस्वीर भी बदलेगी।
बैठक में जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय, एचपीडीए प्रभारी सचिव तेजवीर सिंह, टाउन प्लानर राजीव रत्न शाह और अन्य बोर्ड सदस्य भी मौजूद रहे।