तुलसी निकेतन योजना के मकानों का होगा पुनर्विकास, जीडीए और एनबीसीसी की बैठक में बना खाका, जल्द साइन होगा एमओयू

Rashtriya Shikhar
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The houses under the Tulsi Niketan Yojana will be redeveloped. A blueprint was made during a meeting between the GDA (Ghaziabad Development Authority) and NBCC, and the MoU (Memorandum of Understanding) will be signed soon IMAGE CREDIT TO AUTHORITY

गाजियाबाद (शिखर समाचार)|
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने तुलसी निकेतन योजना के जर्जर हो चुके भवनों के पुनर्विकास की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है। शुक्रवार को जीडीए उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एनबीसीसी अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें योजना का विस्तृत खाका पेश किया गया।

दो चरणों में होगा पुनर्विकास, पहले आएगी प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट, फिर बनेगी डीपीआर

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बैठक में एनबीसीसी ने बताया कि पुनर्विकास दो चरणों में होगा। पहले चरण में प्री-फिजिबिलिटी स्टडी की जाएगी और इसकी रिपोर्ट आठ सप्ताह के भीतर जीडीए को सौंपी जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में विस्तृत डीपीआर तैयार की जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर अगर एमओयू की शर्तों में बदलाव की जरूरत हुई तो संशोधन कर परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

उपाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि योजना का मकसद न तो मुनाफा कमाना है और न ही किसी परिवार को बेघर करना। यह परियोजना उस विजन पर आधारित है जिसके तहत विकास का लाभ अंतिम पायदान तक पहुंचना चाहिए।

तुलसी निकेतन में बसेंगी अब बहुमंजिला इमारतें, 16 एकड़ में होगा आधुनिक विकास

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तुलसी निकेतन योजना 1990 में बसाई गई थी। यहां 2292 फ्लैट और 60 दुकानें हैं, जिनमें करीब 20 हजार लोग रहते हैं। जीडीए के सर्वे में इन मकानों को असुरक्षित घोषित किया गया है। अब प्राधिकरण पीपीपी मॉडल पर निजी डेवलपर्स के साथ मिलकर करीब 16 एकड़ भूमि पर आधुनिक बहुमंजिला इमारतें बनाएगा।

पुनर्विकास योजना में कुल 2004 ईडब्ल्यूएस और 288 एलआईजी मकान शामिल हैं। इन्हें आधुनिक सुविधाओं

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