हापुड़ की राष्ट्रीय लोक अदालत बनी मिसाल, एक ही दिन में ढाई लाख से अधिक मामले सुलझे

Rashtriya Shikhar
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Hapur's National Lok Adalat Sets an Example IMAGE CREDIT TO INFORMATION DEPARTMENT

हापुड़ (शिखर समाचार)
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हापुड़ की ओर से शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने न्यायिक उपलब्धियों का नया अध्याय रच दिया। जनपद न्यायाधीश एवं प्राधिकरण के अध्यक्ष डा. अजय कुमार द्वितीय ने दीप प्रज्ज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर औपचारिक शुभारम्भ किया। इस अवसर पर जिले के सभी न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, बैंक प्रतिनिधि, पत्रकार तथा वादकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

लोक अदालत: जहां न्याय भी, समाधान भी – एक दिन में निपटे 2.31 लाख से अधिक मामले, 9 करोड़ से ज्यादा का समझौता

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लोक अदालत के उद्घाटन सत्र में यह संदेश दिया गया कि यहां दोनों पक्षकारों की जीत होती है और किसी का अहित नहीं होता। पूरे दिन चली कार्यवाही में न्यायालयों, बैंकों और विभिन्न विभागों के सहयोग से कुल 231259 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इसके साथ ही 9 करोड़ 34 लाख रुपये से अधिक की धनराशि के समझौते संपन्न हुए।

विभिन्न न्यायालयों ने अलग-अलग श्रेणी के वादों को निपटाया। परिवार न्यायालय ने 68 मामलों को सुलझाया, जिनमें 11 जोड़े आपसी सहमति से पुनः साथ जीवन जीने को तैयार हुए। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने 45 मामलों का निस्तारण करते हुए 1 करोड़ से अधिक की क्षतिपूर्ति राशि का समझौता कराया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय से लेकर ग्राम न्यायालय तक ने हजारों लघु आपराधिक और दीवानी प्रकरणों को समाप्त किया।

बैंकों के सहयोग से प्री-लिटिगेशन में बड़ी सफलता, 6.69 करोड़ रुपये के 315 मामले सुलझे

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बैंकिंग क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सफलता मिली। केनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और अन्य बैंकों के सहयोग से प्री-लिटिगेशन स्तर के 315 मामलों का निस्तारण हुआ, जिनमें 6.69 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का सेटलमेंट किया गया।

कार्यक्रम में नोडल अधिकारी यज्ञेश चन्द्र पाण्डेय ने संचालन किया और अतिथियों का स्वागत किया। अंत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सचिव सौरभ कुमार वर्मा ने सभी न्यायिक अधिकारियों, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों, बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस लोक अदालत ने साबित किया है कि सुलह और समझौते के जरिये न्याय की राह अधिक सरल और मानवीय हो सकती है।

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