ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार) अचानक आने वाली आपदा का कोई समय नहीं होता, लेकिन उससे निपटने की तैयारी समय रहते ही करनी होती है। इसी सोच को हकीकत में बदलते हुए शुक्रवार को जनपद में एक्सरसाइज सुरक्षा चक्र के तहत एक समन्वित मॉकड्रिल का सफल आयोजन किया गया। भूकंप और औद्योगिक दुर्घटनाओं जैसे हालातों की आंशिक पुनरावृत्ति करते हुए जिला प्रशासन ने न केवल अपनी तत्परता का प्रदर्शन किया, बल्कि आम नागरिकों को भी चेतना की सीख दी।
आपदा नहीं, समन्वय ज़रूरी है: ग्रेटर नोएडा में ज़िला प्रशासन का रियल-टाइम मॉक ड्रिल ऑपरेशन
मुख्य आयोजन स्थल एलजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा में जिलाधिकारी मेधा रूपम स्वयं पहुंचीं और आपदा के कृत्रिम परिदृश्य में प्रशासन की कार्यप्रणाली को देखा। भूकंप और औद्योगिक विस्फोट की स्थिति में कर्मचारियों की सुरक्षित निकासी, घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार, फायर सेफ्टी रेस्पॉन्स और आपात सेवाओं के समयबद्ध संचालन जैसे बिंदुओं पर विस्तार से निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने घटनास्थल पर मौजूद सुरक्षा अधिकारियों, कंपनी प्रतिनिधियों और राहत कार्यों में जुटे कार्मिकों से चर्चा करते हुए कहा कि आपदा के समय भ्रम नहीं, समन्वय चाहिए, और आज इस अभ्यास ने यही साबित किया।
सिर्फ फैक्टरी परिसर ही नहीं, बल्कि जनहित को ध्यान में रखते हुए आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स), सावित्रीबाई फुले बालिका इंटर कॉलेज, एडब्ल्यूएचओ टाउनशिप गुरजिंदर विहार और विकास भवन सूरजपुर में भी अलग-अलग आपदा परिदृश्य रचे गए। सभी स्थलों पर नियुक्त इंसिडेंट कमांडरों की निगरानी में यह अभ्यास हुआ। हर जगह टीमों ने एक तय समय पर फील्ड में उतरकर आपात स्थिति से निपटने की रणनीति को अमल में लाया।
बच्चों से संवाद से लेकर रेस्क्यू तक: ग्रेटर नोएडा में आपदा प्रबंधन का समग्र अभ्यास
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निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्कूल में मौजूद बच्चों से संवाद कर उनकी जागरूकता को परखा। बच्चों ने भूकंप के समय अपनाए जाने वाले सुरक्षित उपायों की जानकारी देते हुए सावधानी की बारीकियां साझा कीं, जिसे सुनकर जिलाधिकारी ने प्रसन्नता जताई और विद्यालय की बुनियादी सुविधाओं का जायजा लेते हुए व्यवस्थाओं पर संतोष प्रकट किया।
इस समग्र अभ्यास में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस बल, परिवहन और स्थानीय निकायों की सक्रिय भागीदारी रही। पूरे आयोजन में रेस्क्यू ऑपरेशन, घायलों को स्ट्रेचर पर लाने व ले जाने की प्रक्रिया, फायर कंट्रोल, भीड़ प्रबंधन और इवैक्युएशन जैसी तमाम व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की गई।
आपदा से डर नहीं, डटकर मुकाबला: मॉकड्रिल से जनपद की तैयारी का संदेश
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मॉकड्रिल के समापन पर जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे अभ्यास सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन रक्षा के प्रयोगशाला हैं। ये न केवल विभागीय प्रतिक्रिया को सशक्त बनाते हैं बल्कि आम नागरिक को आपदा के प्रति सजग भी करते हैं। हमारा प्रयास है कि किसी भी आपात स्थिति में ग्रेटर नोएडा पूरी मुस्तैदी से खड़ा रहे और जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सके।
सुरक्षा चक्र की यह कवायद यह बताने के लिए पर्याप्त है कि जनपद केवल आपदाओं से डरने वाला नहीं, बल्कि उनसे जूझने और जीतने वाला बन रहा है।
