दिल्ली (शिखर समाचार) डीएवी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 01 गांधी नगर दिल्ली-31 में गुरुवार 4 सितंबर को शिक्षक दिवस उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। समारोह की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद मुख्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।
सत्कार और उत्सव का संगम: डीएवी स्कूल में मिस्टर-मिस डीएवी-1 प्रतियोगिता और खेलों में शिक्षकों का शानदार प्रदर्शन
इस अवसर पर दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा, निगम पार्षद एवं सामुदायिक सेवा समिति की अध्यक्ष नीलम चौधरी, गांधी नगर की पार्षद प्रिया कंबोज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली प्रांत के व्यवस्था टोली सदस्य महिपाल एवं सह-बौद्धिक प्रमुख सतीश शर्मा सहित विद्यालय के अध्यक्ष नरेश शर्मा, प्रबंधक गिरजेश रुस्तगी और प्रधानाचार्य लखीराम मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान गुरुभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया और मिस्टर एवं मिस डीएवी-1 प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें रमेश को मिस्टर डीएवी-1 तथा नीलम को मिस डीएवी-1 चुना गया। खेल प्रतियोगिताओं में शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिनमें श्रद्धा, बलविंदर कौर और उर्वशी तोमर विजेता बने।
मुख्य अतिथियों ने गुरु-शिष्य परंपरा और शिक्षकों के योगदान पर गहराई से प्रकाश डाला
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मुख्य अतिथियों ने शिक्षकों की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। महिपाल जी ने चंद्रगुप्त मौर्य और आचार्य चाणक्य के प्रसंग सुनाकर गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व बताया, वहीं सतीश शर्मा ने महाभारत के रचयिता वेदव्यास, गुरु माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर तथा प्राचीन गुरुओं की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरु ही समाज की वास्तविक दिशा तय करते हैं।
विद्यालय के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने कहा कि गुरु शब्द का अर्थ है जो अज्ञान के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाए। माता-पिता प्रथम गुरु होते हैं, और शिक्षक जीवन का मार्गदर्शन कर हमें सफल बनाते हैं।
गुरु-शिष्य परंपरा का महत्त्वः मुख्य अतिथियों ने शिक्षकों के योगदान और मार्गदर्शन पर साझा किए विचार
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समारोह में पवन जैन, संजय शर्मा, राजेश शर्मा, उमेश सेतिया और पदम चंद का भी स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकों एवं स्टाफ को सम्मान स्वरूप उपहार भेंट किए गए। मंच संचालन रेनू जोशी और आशुतोष जी ने किया।
समापन अवसर पर प्रबंधक गिरजेश रुस्तगी ने सभी अतिथियों का आभार जताते हुए कहा कि गुरु ही इंसानियत की पहचान कराते हैं और उनका ज्ञान हमें जीवन की सच्ची राह दिखाता है। समारोह का समापन जलपान के साथ हुआ।
