गाज़ियाबाद (शिखर समाचार)।
देश में महिलाओं की भागीदारी को मजबूती देने और युवा पीढ़ी में जागरूकता का संचार करने की दिशा में राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इसी कड़ी में आयोग की अध्यक्षा विजया राहतकर ने गुरुवार को आईटीएस मोहन नगर गाजियाबाद में कैंपस कॉलिंग नामक राष्ट्रीय अभियान का उद्घाटन किया।
महिलाओं के अधिकारों व आत्मनिर्भरता पर राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन का जोर
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन राहतकर ने आयोग की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रमों और अभियानों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों, दायित्वों और कानूनी प्रावधानों की समुचित जानकारी होना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीक और कौशल के माध्यम से महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन सकती हैं, बल्कि सामाजिक व पारिवारिक निर्णयों में भी समान रूप से भागीदारी निभा सकती हैं।
आईटीएस वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा ने अपने संबोधन में कहा कि देश तभी सशक्त होगा, जब उसकी आधी आबादी को बराबरी का स्थान मिलेगा। उन्होंने आईटीएस ग्रुप द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही पहलों की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की सोच बिना महिला सहभागिता के अधूरी है। उन्होंने कहा कि केवल सरकारी प्रयास काफी नहीं होंगे, समाज के हर वर्ग को इस दिशा में आगे आना होगा।
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कार्यक्रम से पहले महिला आयोग की ओर से लैंगिक समानता एवं साइबर जागरूकता विषय पर एक विशेष कार्यशाला भी आयोजित की गई। इसमें डॉ. पलक मित्तल, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सुश्री कामाक्षी शर्मा और महिला आयोग के मीडिया सलाहकार शिवम् गर्ग ने विचार साझा किए। कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए आईटीएस स्नातक परिसर की उपप्राचार्य डॉ. नैंसी शर्मा ने कहा कि आज के समय में लैंगिक भेद मिटाने और साइबर अपराधों से सुरक्षा के लिए युवाओं को सजग बनाना निहायत जरूरी है।
इस जागरूकता अभियान का साक्षी बनने के लिए लगभग एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं, शिक्षाविद और कर्मचारी उपस्थित रहे, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भागीदारी की और महिला सशक्तिकरण के इस अभियान को अपनी भागीदारी से बल प्रदान किया।
