गाजियाबाद (शिखर समाचार)|
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने आज विभिन्न कार्यक्षेत्रों की प्रगति की समीक्षा हेतु अधीनस्थ अधिकारियों के साथ एक लंबी बैठक की, जो करीब चार घंटे तक चली। बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
उपाध्यक्ष का सख्त निर्देश: जनशिकायतों पर तत्काल और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित हो
उपाध्यक्ष ने हेल्पलाइन, शासन, मेरठ मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जनसंदर्भों और शिकायतों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक जनशिकायत पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और संबंधित पक्ष को तत्काल अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
समीक्षा के दौरान प्रवर्तन जोन-8 के प्रभारी और अधीनस्थ स्टाफ से मामलों के समय पर निस्तारण न किए जाने पर स्पष्टीकरण तलब किया गया। वहीं प्रवर्तन जोन-6 और जोन-1 के अधिकारियों को हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का जवाब न देने पर चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए गए। उपाध्यक्ष ने विलंबित कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और कहा कि कार्य में शिथिलता से प्राधिकरण की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
न्यायालयों में लंबित 978 प्रकरणों की समीक्षा: 240 केस में शपथ पत्र दाखिल होना बाकी
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बैठक में विभिन्न न्यायालयों में लंबित 978 प्रकरणों की स्थिति की भी समीक्षा की गई, जिनमें प्राधिकरण स्तर से काउंटर शपथ पत्र दाखिल किया जाना है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक लगभग 240 प्रकरणों में काउंटर शपथ पत्र दाखिल किया जाना शेष है।
इस प्रगति पर उपाध्यक्ष ने संतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि शेष प्रकरणों की संख्या शीघ्र ही 100 से कम की जाए। उन्होंने कहा कि न्यायालय में लंबित मामलों में सक्रियता और पारदर्शिता से ही प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी और जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जा सकता है।
