LIG-EWS भवनों की अनदेखी करने वाले बिल्डरों पर GDA की सख्ती, ड्रोन सर्वे से होगी हकीकत की पड़ताल

Rashtriya Shikhar
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GDA Takes Strict Action Against Builders Neglecting LIG-EWS Buildings; Reality to Be Verified Through Drone Survey IMAGE CREDIT TO GDA

गाजियाबाद (शिखर समाचार)।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अब उन निजी विकासकर्ताओं पर शिकंजा कसने जा रहा है जिन्होंने हाईटेक व इंटीग्रेटेड टाउनशिप की डीपीआर पास कराने के समय तो एलआईजी और ईडब्ल्यूएस भवन बनाने का वादा किया, मगर वर्षों बीत जाने के बाद भी उसे अमल में नहीं उतारा। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स के कड़े निर्देश के बाद विभिन्न जोनों में तेज़ पड़ताल शुरू कर दी गई है।

गरीब-मध्यम वर्ग के लिए भवन निर्माण में लापरवाही पर बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का एलान, बैंक गारंटी जब्त होगी

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प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि अधिकारियों को साफ आदेश दिए गए हैं कि जिन बिल्डरों ने गरीब एवं मध्यम वर्ग के लिए निर्धारित भवन निर्माण की अनदेखी की है, उनकी बैंक गारंटी जब्त कर कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाए। उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन व नियोजन अनुभाग के अधिकारियों को प्राथमिकता पर रिकॉर्ड खंगालने और सभी प्रोजेक्ट्स की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह तथ्य भी उजागर हुआ कि कई बिल्डरों ने ईडब्ल्यूएस और एलआईजी भवनों का निर्माण बेहद धीमी गति से किया है, वहीं कुछ ने तो तय समयसीमा के बाद भी काम शुरू तक नहीं किया।

ड्रोन सर्वे से टाउनशिप की हकीकत सामने लाने की प्राधिकरण की नई पहल, शौर्यपुरम योजना की विकास प्रगति पर नजर

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यही नहीं प्राधिकरण ने वास्तविक स्थिति जानने के लिए अब आधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। इस क्रम में निजी टाउनशिप की ग्राउंड रियलिटी को जांचने के लिए ड्रोन सर्वे की पहल की गई है। जोन-5 क्षेत्र में एसएमबी समूह की शौर्यपुरम योजना का ड्रोन सर्वे शुरू कराया गया है, जिससे स्पष्ट होगा कि विकासकर्ताओं ने मंजूर डीपीआर के अनुसार कितने कार्य पूरे किए और किन वादों को अधूरा छोड़ दिया। प्राधिकरण की इस सख्ती का सीधा संदेश है कि गरीब वर्ग की आवासीय योजनाओं से समझौता करने वाले किसी भी बिल्डर को बख्शा नहीं जाएगा। नियमों के उल्लंघन पर न केवल आर्थिक दंड लगेगा बल्कि आगे की परियोजनाओं की मंजूरी पर भी असर पड़ सकता है।

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