हर एरिया में नियुक्त होंगे ‘Harit Mitra’, Ghaziabad के पार्कों को संवारने के लिए GDA की बड़ी पहल

Rashtriya Shikhar
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‘Harit Mitra’ will be appointed in every area - a major initiative by GDA to beautify the parks of Ghaziabad IMAGE CREDIT TO GDA

गाजियाबाद (शिखर समाचार) शहर के उद्यान अब सिर्फ हरियाली के प्रतीक नहीं, बल्कि सामाजिक भागीदारी के केंद्र भी बनेंगे। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने शहर के पार्कों की निगरानी और रखरखाव में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हरित मित्र योजना शुरू करने का फैसला किया है। इस योजना के तहत हर क्षेत्र में समाजसेवी, आरडब्ल्यूए पदाधिकारी और सामाजिक संगठनों से जुड़े सक्रिय लोगों को हरित मित्र के तौर पर जोड़ा जाएगा, जो संबंधित पार्कों में होने वाले विकास कार्यों पर नजर रखेंगे और समय-समय पर प्राधिकरण को अपना फीडबैक देंगे।

आइकोनिक पार्कों के कायाकल्प के लिए 50 करोड़ का बजट: प्राधिकरण की नई पहल और स्वावलंबन की दिशा

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प्राधिकरण उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने उद्यान अनुभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिए कि प्राधिकरण द्वारा विकसित उन सभी कालोनियों की पहचान की जाए, जिनके पार्क अब तक नगर निगम को हस्तांतरित नहीं किए गए हैं। इन पार्कों को चिह्नित कर आइकोनिक पार्क के रूप में विकसित करने की कार्य योजना तैयार की जाएगी। प्राधिकरण के उद्यान अनुभाग को इस उद्देश्य के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसे पूरी तरह इन पार्कों के कायाकल्प पर खर्च किया जाएगा।

बैठक में यह भी तय किया गया कि विकसित किए जाने वाले प्रमुख पार्कों में न्यूनतम शुल्क प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे प्राप्त धनराशि से पार्कों के रखरखाव, सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के संचालन में मदद मिल सके। हालांकि, प्राधिकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शुल्क लागू करने का उद्देश्य राजस्व अर्जन नहीं बल्कि पार्कों को आत्मनिर्भर और दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ बनाना है।

हरित मित्र योजना से नागरिक सहभागिता और पार्कों की सुदृढ़ देखभाल का वादा: गाजियाबाद प्राधिकरण की पहल

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हरित मित्र योजना से न केवल आम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित होगी, बल्कि इससे पार्कों की निगरानी और सफाई व्यवस्था भी बेहतर होगी। उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने विश्वास जताया कि जब समाज स्वयं अपने आसपास की हरियाली का संरक्षक बनेगा, तब शहर की सुंदरता में भी स्वाभाविक रूप से वृद्धि होगी।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की इस पहल को स्थानीय आरडब्ल्यूए और सामाजिक संगठनों ने सराहा है और उम्मीद जताई है कि इससे पार्कों की स्थिति में स्पष्ट बदलाव देखने को मिलेगा।

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