मुरादनगर (शिखर समाचार)। अनंत चतुर्दशी के शुभ पर्व पर शनिवार को नगर मुरादनगर में भक्ति और उत्सव का अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्रातः काल से ही श्रद्धालु गणपति बप्पा की प्रतिमाओं को घर घर से निकालकर बैंड बाजे और डीजे की ताल पर उत्साहपूर्वक विसर्जन यात्रा में सम्मिलित होते रहे। नगर के कोने कोने से शोभायात्राओं का कारवां गंग नहर की ओर बढ़ा तो मानो पूरा कस्बा ही गणेशमय हो उठा।
गंग नहर पर श्रद्धालुओं का हुजूम, निर्मल जल में विसर्जन की लगी गुहार
गंग नहर के तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हो गए। प्रशासन की ओर से यहां अस्थायी कुंड बनाकर प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था की गई थी, परंतु श्रद्धालुओं का कहना रहा कि बहते हुए निर्मल जल में विसर्जन ही धार्मिक आस्था के अनुकूल है। उनका मानना था कि गंदगी से भरे अस्थायी गड्ढों में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करना श्रद्धा का अपमान प्रतीत होता है। इसको लेकर लोगों ने शासन से स्थायी समाधान की अपेक्षा भी जताई।
यात्रा के दौरान दिल्ली मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कभी कभी यातायात बाधित हुआ, किन्तु पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी से बड़ी समस्या नहीं उत्पन्न हुई। नगर के मुख्य मार्गों से गुजरती शोभायात्राओं में श्रद्धालु उत्साह से नाचते गाते, गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाते आगे बढ़ते रहे। वातावरण में भक्ति रस और उल्लास का संगम देखने योग्य था।
रंग-बिरंगी झांकियों और भव्य स्वागत से गूंजा आयोजन, श्रद्धालुओं के दिलों को छू गया नृत्य-प्रदर्शन
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इस अवसर पर आकर्षक झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। एक झांकी में महिलाएं महाराष्ट्र की पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर शामिल हुईं तो दूसरी में भगवान शिव गणेश का भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को अभिभूत कर दिया। रास्तेभर स्थानीय नागरिकों ने यात्राओं का स्वागत किया और जगह जगह भंडारे का आयोजन कर प्रसाद वितरण किया।
नगर की गलियां दीप प्रकाश, ध्वनि और भक्तिभाव से सराबोर रहीं। गंग नहर किनारे विसर्जन के साथ गणपति महोत्सव का समापन हुआ, लेकिन गणेश भक्तों का उमंग उल्लास देर तक झंकृत होता रहा। इस पावन अवसर पर मुरादनगर में आस्था का सैलाब उमड़ा जिसने सामाजिक एकता और सांस्कृतिक रंगत का अनुपम चित्र प्रस्तुत किया।
