—–साइबर थाना पुलिस ने दबोचा 4.5 करोड़ की ठगी करने वाला गिरोह, 1500 से अधिक नकली पॉलिसी दस्तावेज बरामद
गाजियाबाद (शिखर समाचार)। अगर आपके पास बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने या अधिक लाभ देने के नाम पर कोई फोन आता है, तो सतर्क हो जाइए। गाजियाबाद पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को बीमा एजेंट बनकर झांसे में लेकर करोड़ों की ठगी कर चुका है। पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े सात आरोपियों अमन अग्रवाल, राहुल यादव, आफताब, राहुल शर्मा, दीपक, गर्वित और जगजीत को गिरफ्तार किया है, जो देशभर में 4.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुके हैं।
यह गिरोह बेहद सुनियोजित ढंग से काम करता था। आरोपी खुद को बीमा कंपनियों का प्रतिनिधि
यह गिरोह बेहद सुनियोजित ढंग से काम करता था। आरोपी खुद को बीमा कंपनियों का प्रतिनिधि बताकर ग्राहकों से संपर्क करते थे और पॉलिसी में अतिरिक्त लाभ देने की बात कहकर धोखे से रकम अपने खातों में डलवाते थे। इतना ही नहीं, गिरोह ने फर्जीवाड़े के लिए कानवा सॉफ्टवेयर के माध्यम से नकली बीमा दस्तावेज तैयार कर हजारों लोगों को ठगा है। पुलिस जांच में सामने आया है कि ये आरोपी अब तक करीब 1500 फर्जी बीमा पॉलिसियां बना चुके हैं।
पुलिस टीम ने आरोपियों के पास से 26 मोबाइल फोन, 56 फर्जी पॉलिसी दस्तावेज, 14 एटीएम कार्ड, 1.98 लाख रुपये नकद, 6 चेकबुक, 3 पासबुक, 4 सिम कार्ड और दो महंगी गाड़ियां (महिंद्रा थार और एक्सयूवी 300) बरामद की हैं।
एडिशनल सीपी आलोक प्रियदर्शी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गिरोह के मुख्य सरगना अमन अग्रवाल और राहुल शर्मा हैं, जो पहले एक बीमा कॉल सेंटर में काम करते थे। यहीं से इन्होंने बीमा धारकों का संवेदनशील डेटा चुराया और बाद में उसी का दुरुपयोग कर फर्जी कॉल कर ठगी करने लगे।
गिरोह ठगी की रकम म्यूल अकाउंट्स में जमा कराता था और देश के कई हिस्सों में फैले नेटवर्क
गिरोह ठगी की रकम म्यूल अकाउंट्स में जमा कराता था और देश के कई हिस्सों में फैले नेटवर्क के जरिये रकम की हेराफेरी करता था। दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, एमपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान और बंगाल जैसे 11 राज्यों तक इनकी गतिविधियां फैली हुई थीं। पुलिस ने इस गैंग से जुड़ी चार राज्यों की 9 ठगी घटनाओं का खुलासा किया है, जिनमें बेंगलुरु के जयन्ना एचएस से 1.69 करोड़ और नागपुर निवासी विजय सोनटके से 54 लाख रुपये की ठगी शामिल है।
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम को 50 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह वर्षों से सक्रिय था और अब इसकी पूरी जड़ तक जांच जारी है। आम जनता से अपील की गई है कि किसी भी तरह की बीमा कॉल आने पर पूरी तरह सतर्क रहें और सत्यापन के बाद ही कोई निर्णय लें।