ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर से जुड़े पर्यावरण प्रबंधन और सुरक्षा मानकों को लेकर बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अहम समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की कमान जिलाधिकारी मेधा रूपम ने संभाली। एयरपोर्ट के संचालन और पर्यावरणीय चुनौतियों पर चर्चा के दौरान जिलाधिकारी ने साफ संकेत दिए कि सुरक्षा और स्वच्छता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
एयरपोर्ट सुरक्षा पर मंथन: 10 किमी दायरे में साफ-सफाई और वेस्ट मैनेजमेंट पर ज़ोर
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी, एयरसाइड ऑपरेशंस हेड यशदेव कटोच, अपर जिलाधिकारी अतुल कुमार और बच्चू सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट विवेक भदौरिया, एसडीएम जेवर अभय कुमार सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी पी.के. श्रीवास्तव सहित पुलिस, वन, आपदा प्रबंधन और एयरपोर्ट से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
एयरसाइड सर्विस एवं वेस्ट हैंडलिंग मैनेजमेंट के लीड विनीत सिकरवार ने प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि एयरपोर्ट के 10 किलोमीटर दायरे में पक्षियों और जानवरों की उपस्थिति विमान सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पूरे क्षेत्र में साफ-सफाई को प्राथमिकता दी जाए, मृत पशुओं और कूड़े-कचरे का निस्तारण समयबद्ध तरीके से हो और कहीं भी गंदगी जमा न होने पाए।
एयरपोर्ट सुरक्षा के लिए ज़ोन-वाइज सर्वे और अवैध निर्माणों पर सख्ती, लेज़र-ड्रोन पर पूर्ण प्रतिबंध
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उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी विभाग मिलकर ज़ोन-वाइज सर्वेक्षण करें और हर माह संयुक्त निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपें। एयरपोर्ट क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने, पथवाया ड्रेन की सफाई करने और जलभराव रोकने पर भी जिलाधिकारी ने जोर दिया।
बैठक में यह भी तय हुआ कि एयरपोर्ट के आसपास बिना अनुमति चल रहे निर्माणों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण कराया जाएगा। साथ ही लेज़र लाइट और ड्रोन के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इसके बारे में विशेष अभियान चलाकर जागरूकता बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए।
सिर्फ बैठक नहीं, एक्शन प्लान: एयरपोर्ट सुरक्षा व पर्यावरण संतुलन के लिए तय हुई विभागीय जिम्मेदारियां
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जिलाधिकारी ने सभी विभागों से लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने और उसकी लिखित प्रमाणिकता उपलब्ध कराने को कहा। यमुना प्राधिकरण, वन, सिंचाई, पशुपालन और अन्य विभागों के अधिकारियों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए भरोसा दिलाया कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का पूरी गंभीरता से पालन होगा।
यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं बल्कि एयरपोर्ट की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित करने की ठोस कार्ययोजना साबित हुई, जिसमें सभी विभागों की जिम्मेदारियां साफ कर दी गईं।
