छह गांवों के किसानों को मिला बड़ी राहत का तोहफा, YEIDA में आबादी भूखंडों का ड्रा हुआ पारदर्शिता के साथ सम्पन्न

Rashtriya Shikhar
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Six villages’ farmers get residential plots from Yamuna Authority. IMAGE CREDIT TO YEIDA

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। YEIDA औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से किसानों को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रामपुर बांगर, चांदपुर, मथुरापुर, अट्टा गुजरान, मूँजखेड़ा और रोनीजा गांवों के लिए आबादी भूखंडों का ड्रा सफलता पूर्वक पूर्ण कराया गया। यह ड्रा प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ, जिसमें प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत अथवा क्रय की गई जमीनों के सापेक्ष 308 पात्र किसानों को सात प्रतिशत आबादी भूखंडों के नंबर आवंटित किए गए।

ड्रा कार्यक्रम में ग्रामीणों की भागीदारी और पारदर्शी प्रक्रिया से किसानों को मिली नई उम्मीद

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ड्रा कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे और इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। किसानों के चेहरों पर वर्षों की प्रतीक्षा के बाद मिली संतुष्टि और आशा की चमक साफ नजर आई। कार्यक्रम को लेकर व्यवस्था इतनी पारदर्शी और सुव्यवस्थित रही कि ड्रा प्रक्रिया का सीधा प्रसारण प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर भी किया गया, जिससे दूरस्थ ग्रामीणों को भी इसका सीधा लाभ मिल सका।

ड्रा के दौरान मौजूद ओएसडी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने उपस्थित किसानों को विश्वास दिलाया कि जिन किसानों को भूखंड आवंटित हुए हैं, उन्हें शीघ्र मौके पर विकास कार्य पूर्ण कराकर भौतिक कब्जा दिलाया जाएगा, और जिन पात्र किसानों के भूखंड अभी शेष हैं, उनके भूखंड भी जल्द वितरित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए प्राधिकरण हर स्तर पर जवाबदेही निभा रहा है।

ड्रा कार्यक्रम से किसानों में उत्साह की लहर, प्रशासनिक पारदर्शिता ने बढ़ाया विश्वास

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इस अवसर पर प्राधिकरण की डिप्टी कलेक्टर रेणुका दीक्षित, भूलेख विभाग के तहसीलदार सहित प्राधिकरण के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। ड्रा कार्यक्रम को लेकर गांवों में पहले से ही उत्सुकता का माहौल था, और अब जब किसानों को उनके अधिकार प्राप्त हुए हैं, तो क्षेत्र में खुशी और संतोष की लहर दौड़ गई है।

यह पूरा आयोजन न केवल किसान-प्राधिकरण संवाद में विश्वास की मजबूत नींव डालता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासनिक प्रक्रियाएं जब ईमानदारी और पारदर्शिता से सम्पन्न होती हैं, तो विकास और संतुलन दोनों साथ-साथ आगे बढ़ते हैं।

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