नोएडा (शिखर समाचार)। राजधानी क्षेत्र में जमीन के नाम पर ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि सुनपुरा इलाके में श्रीराम एंकलेव आवासीय योजना का झांसा देकर ठगों के एक गिरोह ने 14 निवेशकों से करीब 2 करोड़ 10 लाख रुपए ऐंठ लिए। लंबे समय तक दर-दर की ठोकरें खाने के बाद जब पीड़ितों ने मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से गुहार लगाई, तब जाकर ईकोटेक-3 कोतवाली पुलिस ने नामजद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
श्यामा चरण मिश्रा और सरिता मिश्रा पर आरोप: फर्जी कंपनी से निवेशकों को ठगा गया
पीड़ितों का कहना है कि श्यामा चरण मिश्रा और सरिता मिश्रा ने 12 साथियों के साथ मिलकर एमएए बैलून एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई और खुद को सुनपुरा स्थित श्रीराम एंकलेव परियोजना का असली मालिक बताने लगे। निवेशकों को विश्वास दिलाने के लिए यह कहा गया कि योजना पूरी तरह से सरकार से पास है और कृषि भूमि को कानूनी तौर पर आवासीय प्लॉट में परिवर्तित कर दिया गया है। भरोसा जमाने के लिए कागजात भी दिखाए गए, जो बाद में फर्जी और मनगढ़ंत निकले।
जालसाजी का आलम यह था कि आरोपियों ने सेल डीड और ट्रांसफर डीड तक तैयार करवा दीं, ताकि खरीदार किसी शक में न पड़ें। लेकिन जब लोगों ने मौके पर जाकर जमीन देखी तो न वहां कोई आवासीय योजना मिली और न ही वह भूखंड, जिनके लिए पैसे दिए गए थे। इतना ही नहीं, कुछ पीड़ितों ने जब आपत्ति जताई तो अज्ञात लोगों ने उन्हें धमकी तक दी।
जालसाजी का पर्दाफाश: एमएए बैलून एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर फर्जीवाड़ा, निवेशकों को किया गया ठगा
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आरोपियों की ठगी का दायरा भी बड़ा है। पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि इस गिरोह ने सिर्फ 14 लोगों से ही नहीं बल्कि अन्य निवेशकों से भी 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि हड़पी है। 1 जुलाई 2024 को जब लोगों ने रकम वापस मांगी तो आरोपियों ने लौटाने से साफ इनकार कर दिया।
शिकायत में श्यामा चरण मिश्रा, सरिता मिश्रा, विजय यादव, मुकेश मिश्रा, कपिल त्यागी, अमन कुशवाहा, प्रमोद यादव, ललित, ऋषिपाल सिंह, कमलेश मिश्रा, ऋतुराज, शाश्वत, शंभू गुप्ता उर्फ साहिल गुप्ता और सुनील सिंह को धोखाधड़ी में शामिल बताया गया है।
पीड़ितों की लंबी सूची और न्याय की मांग: ठगी के मामले में सख्त कार्रवाई की आवाज़
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पीड़ितों की सूची भी लंबी है। इनमें प्रेमचंद सिंह, अजय कुमार यादव, अभिकांत कुमार, अंबेडकर कुमार, अर्पित अरोरा, सनी शुक्ला, आशीष शुक्ला, अंकित शुक्ला, दीपक वर्मा, मृत्युंजय कुमार, प्रभा शंकर पटेल, सुलेखा देवी, अमृता कुमारी, रणजीत कुमार, संतोष कुमार सिंह देव और तनुजा देवी जैसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपनी जमा-पूंजी इस तथाकथित परियोजना में लगा दी थी।
अब पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है, लेकिन पीड़ितों की मांग है कि न केवल निवेश की गई रकम वापस दिलाई जाए बल्कि इस पूरे गिरोह पर सख्त कार्रवाई भी की जाए ताकि भविष्य में कोई और व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार न हो।