ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)। हिंदी शिक्षण को नई दिशा देने वाले और व्याकरण को गीतों व कविताओं की धुन में पिरोकर बच्चों के बीच सहज बनाने वाले नामचीन शिक्षक, संसाधक और साहित्यकार डॉ. विनोद प्रसून को भारतीय शैक्षिक प्रकाशक संघ (FEPI) ने प्रतिष्ठित लेखक सम्मान-2025 (स्कूली शिक्षा) से नवाजा है। यह सम्मान नई दिल्ली स्थित होटल ली मेरिडियन में आयोजित भव्य समारोह में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय एवं सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के राज्यमंत्री हरीश मल्होत्रा ने प्रदान किया। इसी मौके पर न्यू सरस्वती हाउस प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित उनकी पुस्तक सार्थक हिंदी व्याकरण को बैस्ट बुक अवॉर्ड-2025 से भी सम्मानित किया गया।
लयबद्ध नवाचार से हिंदी शिक्षण को बनाया रोचक और सरल
डॉ. प्रसून लंबे समय से हिंदी शिक्षण को नीरस और कठिन समझे जाने वाले दायरे से बाहर निकालकर बच्चों के लिए उसे रोचक और सरल बनाने में जुटे हैं। व्याकरण को गीतों और लयबद्ध कविताओं के जरिये सिखाने का उनका तरीका देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सराहा गया है। उनके इस अनूठे शिक्षण अंदाज ने हजारों छात्रों को हिंदी की बारीकियों से सहजता से जोड़ा है। उन्होंने देश-विदेश में सैकड़ों कार्यशालाओं का संचालन करके नवाचारी शिक्षण के महत्व को स्थापित किया है।
एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक निर्माण से लेकर डीपीएस ग्रेटर नोएडा तक
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ध्यान देने योग्य है कि डॉ. विनोद प्रसून एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित कक्षा एक और दो की हिंदी पाठ्यपुस्तक सारंगी की निर्माण समिति के सदस्य भी हैं। वर्तमान में वे दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा में हिंदी विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और बच्चों को व्याकरण की कठिन धारणाओं को गीतों और तुकबंदियों के माध्यम से सहजता से समझाते हैं। यही कारण है कि वे आज हिंदी शिक्षण के क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं।
देशभर के प्रकाशक और लेखक डॉ. प्रसून के योगदान को मानते हैं हिंदी शिक्षा में नई दिशा
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कार्यक्रम में भारतीय शैक्षिक प्रकाशक संघ के अध्यक्ष गोपाल कृष्णन, महासचिव राजेश गुप्ता, सुप्रसिद्ध अभिनेत्री एवं शिक्षिका स्वरूप संपत, एस चाँद समूह के डायरेक्टर हिमांशु गुप्ता, एनएसएच प्रकाशन के सीईओ शम्मी मानिक, मार्केटिंग हैड अनुरिमा और डॉ. ऋषि शर्मा सहित देशभर से आए सैकड़ों प्रकाशक और लेखक मौजूद रहे। सभी ने डॉ. प्रसून के योगदान को हिंदी शिक्षा जगत के लिए एक नई दृष्टि और दिशा बताई।