ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार)
कलेक्ट्रेट कार्यालय कक्ष में शनिवार को जिलाधिकारी मेधा रूपम की अध्यक्षता में आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनशिकायतों के समाधान में ढिलाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो विभाग शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में असफल पाए जाएंगे, उन अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाएगा।
शिकायत निस्तारण में लापरवाही पर वेतन रोक के निर्देश
समीक्षा के दौरान सामने आया कि कई विभागों में असंतोषजनक फीडबैक की संख्या 70 प्रतिशत से भी अधिक है, साथ ही कुछ विभाग डिफॉल्टर श्रेणी में दर्ज हैं। इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अतुल कुमार को आदेशित किया कि ऐसे विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों का अग्रिम आदेश तक वेतन रोका जाए। इतना ही नहीं बैठक में बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक दिन का वेतन काटने और स्पष्टीकरण जारी करने की कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने कहा कि शासन स्तर पर प्रतिदिन आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा की जाती है और उसी के आधार पर जनपद की रैंकिंग निर्धारित होती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शिकायतकर्ता की समस्या का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण समाधान हो। इसके लिए अधिकारी स्वयं शिकायतकर्ताओं से दूरभाष पर वार्ता करें और निर्धारित समयावधि के भीतर शिकायतों का निस्तारण करें।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने अधिकारियों को शिकायत निस्तारण में पूर्ण जवाबदेही का दिया निर्देश
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उन्होंने आगे कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन अपने कार्यालय में पोर्टल की निगरानी स्वयं करें और यह देखना उनकी जिम्मेदारी है कि किसी भी शिकायत को हल्के में न लिया जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने दो टूक कहा कि लापरवाही के लिए अब कोई गुंजाइश नहीं बचेगी और जो भी अधिकारी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई तय है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (भू-अभिलेख) राजेश कुमार, उप जिलाधिकारी जेवर अभय सिंह, उप जिलाधिकारी दादरी अनुज नेहरा, डिप्टी कलेक्टर वेद प्रकाश पांडे, मुख्य कोषाधिकारी शिखा गुप्ता सहित प्राधिकरण और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
