हापुड़ (शिखर समाचार) जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) हापुड़ के प्रांगण में बुधवार को जनपद स्तरीय कला क्राफ्ट एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी 2025 का आयोजन बड़े उत्साह और गरिमामय वातावरण में किया गया। यह आयोजन शिक्षकों की सृजनात्मकता को बढ़ावा देने और उन्हें शिक्षण प्रक्रिया में नित नए प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। प्रदर्शनी में विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों ने अपने द्वारा निर्मित शिक्षण-अधिगम सामग्री (टीएलएम) का प्रदर्शन कर उपस्थित जनसमूह को अपनी प्रतिभा और नवाचार से रूबरू कराया।
दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुआ कार्यक्रम
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर, धौलाना विधायक धर्मेश तोमर, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गौतम और डायट प्राचार्य जितेन्द्र मलिक ने मां शारदा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष ने प्रतिभागी शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विद्यालयों में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षकों का समर्पण अनुकरणीय है। वहीं विधायक धर्मेश तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि हर बच्चा देश के भविष्य की नींव है और शिक्षक उस नींव को मजबूत करने वाले स्तंभ हैं। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे शिक्षा को भेदभाव रहित बनाएं और बच्चों को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करें।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु गौतम ने कहा कि शिक्षा को केवल पुस्तकों तक सीमित न रखते हुए बच्चों में रचनात्मकता और स्वतंत्र सोच को प्रोत्साहित करना ही आज की आवश्यकता है। उन्होंने रटंत विद्या से दूर हटकर बच्चों को व्यावहारिक अनुभवों और स्वतंत्र विचारों के अवसर देने पर बल दिया।
शिक्षक सम्मान समारोह में 31 शिक्षकों को मिला सम्मान
इस अवसर पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में जनपद के प्राथमिक स्तर के 19 और माध्यमिक स्तर के 12 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित शिक्षकों ने इसे अपने लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए और अधिक समर्पण भाव से कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया।
कला क्राफ्ट एवं सांस्कृतिक प्रदर्शनी में हापुड़ और गाजियाबाद के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के शिक्षकों ने प्रतिभाग कर अपनी नवाचारी कृतियों का प्रदर्शन किया। इसमें शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन, लर्निंग आउटकम प्राप्ति, निपुण भारत के लक्ष्यों की ओर अग्रसरता, नामांकन और उपस्थिति में सुधार, शिक्षण में आईसीटी का प्रयोग, सामुदायिक सहभागिता, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे विषयों पर आधारित सामग्री प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही। पूरे कार्यक्रम के दौरान डायट प्राचार्य, उप प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता और प्रवक्ताओं सहित शिक्षा विभाग से जुड़े सभी अधिकारी एवं प्रशिक्षक उपस्थित रहे। प्रदर्शनी और सम्मान समारोह ने यह संदेश दिया कि शिक्षकों की सृजनात्मकता और उनके प्रयास शिक्षा जगत को नई दिशा देने में लगातार योगदान कर रहे हैं।