भविष्य की भर्ती का खाका तैयार करता लॉयड HR कॉन्क्लेव 2025, The discussion focused on the balance between Artificial intelligence and humanity

राष्ट्रीय शिखर
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The discussion focused on the balance between AI and humanity

ग्रेटर नोएडा (शिखर समाचार) तकनीक और टैलेंट के मिलन बिंदु पर जब सवाल उठे कि भर्ती अब किस दिशा में जा रही है, तो लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (LIET) ने HR कॉन्क्लेव 2025 के ज़रिए इसका प्रभावशाली उत्तर पेश किया। AI की सदी: भर्ती की नई दिशाएँ थीम पर आधारित इस आयोजन में एचआर, शिक्षा, और तकनीक जगत की जानी-मानी हस्तियों ने विचार साझा किए और यह बताया कि जहां एक ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने चयन प्रक्रिया को गति और सटीकता दी है, वहीं दूसरी ओर मानवीय संवेदनाएं अब भी अपूरणीय हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के अध्यक्ष मनोहर थैरानी के प्रेरक उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने छात्रों को केवल शैक्षणिक डिग्रियों तक सीमित न रहकर AI, डेटा साइंस और डिजिटल दक्षता को आत्मसात करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज का युग स्थायित्व का नहीं, लचीलापन और सीखने की सतत प्रक्रिया का है।

तकनीक से बदली चयन प्रक्रिया, पर मानवीय समझ अब भी अपरिहार्य

LIET के वरिष्ठ निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल ने इस बात पर रोशनी डाली कि कैसे मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और एआई जैसे तकनीकी उपकरणों ने पारंपरिक एचआर प्रणालियों को पूरी तरह से नया स्वरूप दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तकनीक मानव का प्रतिस्थापन नहीं, बल्कि उसका विस्तार है।

कॉन्क्लेव के मुख्य वक्ता और NSDC के पूर्व CEO जयंती कृष्णा ने AI की सदी में कौशल और राष्ट्र निर्माण विषय पर बोलते हुए भारत में तेजी से बढ़ते एआई अवसरों, नीति समर्थन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की संभावनाओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने दो टूक कहा कि जब तकनीक बुद्धि को पार कर जाएगी, तब नैतिकता ही नेतृत्व की कसौटी बनेगी।

Artificial intelligence, डेटा एनालिटिक्स और सॉफ्ट स्किल्स के समन्वय से गढ़ा जाएगा भविष्य का नेतृत्वhttps://rashtriyashikhar.com/pm-expressed-grief-over-sambhal-accident/

विशेषज्ञ पैनल में टीसीएस, फिसर्व, इन्फोएज, लेन्ट्रा और रॉकेटफ्रॉग एआई जैसी अग्रणी कंपनियों के प्रतिनिधियों संजीव सचदेवा, पुनीत अग्रवाल, डॉ. अनु सिंह, विभोर गुप्ता, पारुल प्रियदर्शन, नेहा सिंह और अपूर्वा जोशी ने AI और HR के समन्वय पर अपने अनुभव साझा किए। पैनल में स्पष्ट हुआ कि एआई की प्रगति के बावजूद संप्रेषण, सहानुभूति और संवेदनशील निर्णय लेने की क्षमता अब भी अत्यंत आवश्यक है।

लेखक और यूट्यूबर सलील अग्रवाल ने AI युग में सॉफ्ट स्किल्स की अहमियत पर अपने प्रेरणादायक विचार रखते हुए विद्यार्थियों को संवाद कौशल, आत्मविश्वास, प्रस्तुति और नेतृत्व गुणों को निखारने का संदेश दिया। 400 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति में आयोजित यह कार्यक्रम लॉयड संस्थान की उस दूरदर्शिता को दर्शाता है, जो तकनीक और मानवीय मूल्यों के समन्वय से भविष्य के नेतृत्व को गढ़ने में विश्वास रखता है। Artificial intelligence की उभरती लहरों के बीच यह कॉन्क्लेव एक स्पष्ट संकेत देता है आने वाला कल उन्हीं का होगा जो मशीनों के साथ मिलकर, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से काम करना जानते हैं।

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