मेरठ (शिखर समाचार)। श्रावण मास की कांवड़ यात्रा को पूर्णतः सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धाभाव से संपन्न कराने की दृष्टि से पुलिस उप महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी ने शुक्रवार को मेरठ जनपद के मोदीपुरम, दौराला टोल से लेकर मुजफ्फरनगर सीमा तक कांवड़ हाईवे मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। उनके साथ पुलिस अधीक्षक नगर आयुष विक्रम सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ यातायात और सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की, बल्कि शिवभक्तों से संवाद कर उनकी सुविधाओं का जायजा भी लिया।
DIG का सुरक्षा और निगरानी का कांवड़ मार्ग पर सटीक निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान डीआईजी ने हाईवे पर सुरक्षा इंतजाम, ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था, रात्रिकालीन प्रकाश प्रबंध, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और श्रद्धालुओं के विश्राम स्थलों की स्थिति का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। कांवड़ मार्ग पर तैनात पुलिस बल को ब्रीफ किया गया और जिम्मेदारियों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
इस क्रम में सिवाया टोल प्लाजा स्थित सीसीटीवी कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर टोल प्रबंधन और कर्मचारियों के साथ संवाद किया गया। डीआईजी ने निर्देशित किया कि हाईवे पर जहाँ-जहाँ कट मौजूद हैं, वहां धीरे चलें जैसे चेतावनी संकेतक बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाए जाएं, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सुरक्षा के सुदृढ़ इंतजाम: संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनाती
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सिवाया टोल, पल्लवपुरम और परतापुर इंटरचेंज जैसे संवेदनशील बिंदुओं पर अतिरिक्त बल रिज़र्व में तैयार रखने के आदेश दिए गए हैं, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से त्वरित निपटा जा सके। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सजग, सतर्क और अनुशासित रहने की सख्त हिदायत दी।
डीआईजी नैथानी ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे अपने साथ केवल हमराही स्टाफ लेकर न चलें, बल्कि क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया दल) भी साथ रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर फौरन हस्तक्षेप किया जा सके।
सुरक्षित यात्रा के लिए सख्त दिशा-निर्देश और श्रद्धालुओं का सहयोग अनिवार्य
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इसके साथ ही शिवभक्तों को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए कि वे यात्रा के दौरान केवल अपनी निर्धारित लेन में ही चलें, सड़क पर विश्राम न करें और विश्राम हेतु सड़क से हटकर चिन्हित स्थलों का ही उपयोग करें, जिससे यातायात में कोई बाधा न उत्पन्न हो।
DIG ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यात्रा की सफलता केवल व्यवस्था से नहीं, बल्कि सतत निगरानी, मुस्तैद पुलिसिंग और श्रद्धालुओं के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने पूरे पुलिस बल को निर्देशित किया कि यह यात्रा न केवल सुरक्षित हो, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक सौहार्दपूर्ण अनुभव बनकर सामने आए।
