मेरठ (शिखर समाचार)
मेरठ परिक्षेत्रीय कार्यालय में पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) कलानिधि नैथानी ने परिक्षेत्र के चारों जनपदों मेरठ, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़ से प्राप्त जनशिकायतों की विस्तृत समीक्षा की। DIG ने स्पष्ट किया कि जनसुनवाई का उद्देश्य आम जनता को त्वरित न्याय दिलाना है और इसके लिए प्रणाली को निरंतर प्रभावी व पारदर्शी बनाए रखना जरूरी है।
डीआईजी ने बताया कि इन सभी शिकायतों को गंभीरता से लेकर विधिक व नियमानुसार समाधान
समीक्षा के लिए परिक्षेत्रीय कार्यालय में जनवरी 2025 से जून 2025 तक के छह माह की अवधि का सर्किलवार डेटा तैयार किया गया, जिसमें यह दर्ज किया गया कि किस सर्किल से कितने फरियादी अपनी समस्याएं लेकर परिक्षेत्रीय कार्यालय पहुँचे। इस अवधि में कुल 1082 फरियादी चारों जनपदों से व्यक्तिगत रूप से कार्यालय में आए और उन्होंने अपने मामलों को प्रस्तुत किया। डीआईजी ने बताया कि इन सभी शिकायतों को गंभीरता से लेकर विधिक व नियमानुसार समाधान कराया गया है।
विश्लेषण के दौरान यह पाया गया कि जनपद मेरठ से सर्वाधिक 824 फरियादी पहुंचे, जिनमें सिविल लाइन (121), दौराला (108), सरधना (102) और सदर देहात (106) जैसे सर्किलों से अधिक शिकायतें आईं। इसके अतिरिक्त ब्रह्मपुरी, कोतवाली, किठौर, मवाना, सीओ महिला थाना और सीओ क्राइम से भी फरियादी पहुंचे। बुलंदशहर से 106, बागपत से 101 और हापुड़ से 152 फरियादी जनसुनवाई के लिए उपस्थित हुए। हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर सर्किल से सर्वाधिक 63 फरियादी सामने आए।
DIG ने चिंता जताते हुए निर्देश दिए कि इन सर्किलों में जनसुनवाई व्यवस्था को प्राथमिकता के आधार
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि कुछ सर्किलों में स्थानीय स्तर पर जनसुनवाई पर्याप्त प्रभावी नहीं हो रही, जिस कारण अधिकतर लोग परिक्षेत्रीय कार्यालय तक पहुंचने को विवश हैं। इस पर DIG ने चिंता जताते हुए निर्देश दिए कि इन सर्किलों में जनसुनवाई व्यवस्था को प्राथमिकता के आधार पर सुदृढ़ किया जाए, ताकि आम जनता को उनकी समस्या के समाधान के लिए लंबी प्रक्रिया का सामना न करना पड़े।
डीआईजी नैथानी ने यह भी बताया कि फरियादी प्रत्येक कार्य दिवस पर सुबह 10 बजे परिक्षेत्रीय कार्यालय में आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही IGRS पोर्टल के माध्यम से भी ऑनलाइन शिकायत करने की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने क्षेत्र के सभी क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया कि वे शासन और पुलिस मुख्यालय की मंशा के अनुरूप अपने-अपने सर्किलों में नियमित जनसुनवाई करें और प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें।
कांवड़ यात्रा के दौरान थानों की अधिकतम फोर्स ड्यूटी में व्यस्त रहेगीhttps://rashtriyashikhar.com/no-obstruction-in-democracy-speaker-om-birla/
उन्होंने कहा कि शिकायतों के त्वरित समाधान से एक ओर जनता को न्याय मिलने में देरी नहीं होती, वहीं पुलिस के प्रति भरोसा भी मजबूत होता है और पुलिस के खिलाफ शिकायतों की संख्या में भी गिरावट आती है। कांवड़ यात्रा के दौरान थानों की अधिकतम फोर्स ड्यूटी में व्यस्त रहेगी, ऐसे में प्रत्येक थाने पर एक जनसुनवाई अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश भी परिक्षेत्र के सभी जनपदों को दिया गया है, ताकि इस दौरान भी जनशिकायतों की सुनवाई बाधित न हो।
डीआईजी नैथानी ने स्पष्ट रूप से कहा कि जनसुनवाई सिर्फ औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि पुलिस और जनता के बीच संवाद का सबसे प्रभावशाली माध्यम है, और इसकी मजबूती ही न्याय प्रणाली की नींव को मजबूत करती है। भविष्य में भी इसी तरह जनसुनवाई का डेटाबेस तैयार कर उसकी समीक्षा की जाती रहेगी, ताकि व्यवस्था में लगातार सुधार किया जा सके।