नई दिल्ली (शिखर समाचार) डीएवी पब्लिक स्कूल गांधी नगर के प्रांगण में 10 जुलाई गुरुवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व पारंपरिक गरिमा और राष्ट्रीय चेतना के संग बेहद भव्य रूप में मनाया गया, जिसमें शैक्षणिक जगत से लेकर स्वयंसेवी संगठनों तक के गणमान्यजनों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन को सार्थक बनाया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ की गई, मंच संचालन हिंदी प्रवक्ता आशुतोष द्वारा किया गया।
गुरु के बिना सत्य का बोध नहीं हो सकता और
विद्यालय अध्यक्ष नरेश शर्मा, प्रबंधक गिरिजेश रस्तोगी, प्रमुख लखीराम, उपप्रमुख ओमप्रकाश यादव, परीक्षा विभाग प्रमुख दिनेश शर्मा सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली प्रांत के सह बौद्धिक प्रमुख सतीश शर्मा ने गुरु की महत्ता को कथाओं व प्रेरणादायक प्रसंगों के माध्यम से विद्यार्थियों तक पहुँचाया। उन्होंने कहा कि गुरु के बिना सत्य का बोध नहीं हो सकता और जीवन में स्थायित्व केवल मार्गदर्शक के सान्निध्य से ही संभव होता है।
विशेष अतिथि के रूप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ संयुक्त सचिव एवं कावेरी छात्रावास अध्यक्ष वैभव मीना उपस्थित रहे। वैभव मीना ने अपने उद्बोधन में न केवल गुरु शिष्य परंपरा की सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित किया बल्कि छात्रों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने की प्रेरणा देते हुए बताया कि किस प्रकार एबीवीपी वर्षों से छात्रहित, राष्ट्रहित और सांस्कृतिक मूल्यों के लिए कार्य करती आ रही है। उन्होंने जेएनयू परिसर में वामपंथी उन्माद से लड़ते हुए राष्ट्रविरोधी ताकतों से कैसे संघर्ष किया, इसकी भी स्पष्ट जानकारी छात्रों को दी।
विशेषकर अनुच्छेद 370 हटाने में उनके योगदान और
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विद्यालय प्रबंधक गिरिजेश रस्तोगी ने इस अवसर पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन और संघर्षों पर प्रकाश डाला, विशेषकर अनुच्छेद 370 हटाने में उनके योगदान और भारतीय जनसंघ की स्थापना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को विद्यार्थियों के सामने रखा। उन्होंने मुखर्जी के बहुआयामी व्यक्तित्व बैरिस्टर, शिक्षाविद, राष्ट्रसेवक को एक प्रेरणास्रोत बताया। कार्यक्रम में राघवेंद्र ने एबीवीपी के 77 वर्षों की यात्रा को साझा करते हुए छात्रों को संगठन की स्थापना 9 जुलाई 1949 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसकी राष्ट्र निर्माण में भूमिका से अवगत कराया। उन्होंने विद्यार्थियों से एबीवीपी के उद्देश्यों को अपनाने का आह्वान किया।
इस मौके पर संघ के पूर्वी विभाग पर्यावरण संयोजक महेंद्र अग्रवाल, एबीवीपी संगठन मंत्री मनीष, पुस्तकालय प्रभारी आलोक भारत सहित विद्यालय के कई पूर्व छात्र भी उपस्थित रहे जिन्होंने विद्यार्थियों को सेवा, श्रद्धा और समर्पण के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी। विद्यालय प्रमुख लखीराम ने समापन भाषण में सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए छात्रों को देश, गुरु और माता-पिता के प्रति समर्पण की भावना जागृत करने का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में तकनीकी विकास, डिजिटल भारत और राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा में हो रहे कार्यों की जानकारी दी। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने एकजुट होकर राष्ट्र और गुरु के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की। यह आयोजन न केवल गुरु-शिष्य परंपरा की पुनर्स्थापना का प्रतीक बना, बल्कि एक सांस्कृतिक जागरण का मंच भी जिसने विद्यार्थियों को विचार, चरित्र और कर्म की दिशा में प्रेरित किया।